आजकल थायराइड की समस्या ज्यादातर लोगों में पाई जा रही है। बदलती जीवनशैली और खान-पान इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। थायराइड की समस्या दो प्रकार की होती है
- हाइपोथायरायडिज्म और
- हाइपरथायरायडिज्म
जब हमारे शरीर में दो थायराइड हार्मोन ट्राईआयोडोथायरोनिन T3 और थायरोक्सिन T4 का स्तर काफी कम हो जाता है तो हम इसे हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) कहते हैं।
थायराइड हार्मोन हमारे शरीर की वृद्धि और टूट-फूट की मरम्मत के लिए कार्य करता है। यह हमारे शरीर में मेटाबॉलिज्म को भी नियंत्रित रखता है। इस हार्मोन की कमी से पीड़ित व्यक्ति को थकान, बालों का झड़ना, वजन बढ़ना, ठंडक का अहसास होना आदि समस्याओं से जूझना पड़ता है। हम थायराइड हार्मोन के लेवल को सामान्य स्तर तक ला सकते हैं। इसके लिए सिर्फ अपने खानपान में बदलाव (Hypothyroidism Diet) लाना ही पर्याप्त नहीं होगा बल्कि हमें साथ-साथ में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों से दूरी बनानी होगी जो हमारे शरीर में थायराइड हार्मोन के स्तर को बिगाड़ देते हैं।
इन खाद्य पदार्थों से बनाएं दूरी
कुछ ऐसे सामान्य खाद्य पदार्थ हैं जिनके सेवन से थायराइड फंक्शन में बाधा उत्पन्न होती है। अतः हमें इन पदार्थों से दूरी बना लेनी चाहिए।
# सोयाबीन
अध्ययन से पता चलता है कि सोयाबीन में मौजूद फाइटोएस्ट्रोजन थायराइड हार्मोन बनाने वाले एंजाइम की एक्टिविटी में बाधा उत्पन्न करते हैं। महिलाएं जो सोयाबीन का सेवन अधिक मात्रा में करती हैं उनमें हाइपोथायराइडिज्म होने की संभावना 3 गुना तक बढ़ जाती है।
# आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ
हाइपोथायरोइडिसम के कई मामलों में देखा गया है कि अपर्याप्त आयोडीन की कमी के कारण शरीर में पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं बन पाता। ऐसे मामलों में आयोडीन युक्त नमक और आयोडीन से भरपूर खाद्य पदार्थ लाभदायक हो सकते हैं लेकिन अधिक मात्रा में इनका सेवन विपरीत परिणाम भी दे सकते हैं। अतः इस प्रकार के भोजन को ग्रहण करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले ले।
# आयरन और कैल्शियम सप्लीमेंट्स
आयरन और कैल्शियम सप्लीमेंट के सेवन से थायराइड फंक्शन में बदलाव आते हैं।
# उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ
यद्यपि फाइबर हमारे शरीर के लिए बेहद लाभदायक होता है लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन विपरीत परिणाम भी दे सकता है। यह शरीर में थायराइड फंक्शन को भी प्रभावित करता है।
# सब्जियां व फल
सब्जियों में ब्रोकली, फूल गोभी, बंद गोभी, पालक आदि फाइबर युक्त अन्य सब्जियां भी थायराइड फंक्शन को प्रभावित करती हैं। अतः हमें अपने खानपान में इन सब्जियों का इस्तेमाल अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। फलों में शकरकंद, कसावा, स्ट्रॉबेरी और आडू का सेवन हानिकारक होता है।
# नशीले पदार्थ
तंबाकू अल्कोहल और कैफीन का सेवन थायराइड पेशेंट के लिए हानिकारक हो सकता है। अतः हमें इनके सेवन से पहले डॉक्टर से अवश्य परामर्श ले लेनी चाहिए।
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इन खाद्य पदार्थों का करें सेवन
पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ हमारी सेहत के लिए तो बेहतर होते ही हैं साथ ही यह हमारे थायराइड ग्लैंड के लिए भी बेहद लाभदायक होते हैं। इनके साथ साथ कुछ कंपाउंड और सप्लीमेंट भी थायराइड ग्लैंड के फंक्शन को नियमित करते हैं। जैसे-
# एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल और सब्जियां
टमाटर, ब्लूबेरीज़ और बेल पेपर्स एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। यह हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य की देखभाल करते हैं। विटामिन B से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे साबुत अनाज थायराइड ग्लैंड के फंक्शन को नियमित करते हैं।
# दही व प्रोटीन
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20% थायराइड फंक्शन हमारे अच्छे पाचन तंत्र पर निर्भर करता है। अतः हमें पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए नियमित रूप से दही का सेवन अवश्य करना चाहिए। दही के साथ साथ हमें अपनी डाइट में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी भरपूर मात्रा में करना चाहिए। इसके लिए अंडे, नट्स व मछली का सेवन किया जा सकता है।
# सेलेनियम
सेलेनियम की थोड़ी मात्रा शरीर में कुछ एंजाइम के द्वारा इस्तेमाल की जाती है जिससे ये एन्ज़ाइम थायराइड हार्मोन का उत्पादन कर सके। इसके अतिरिक्त ये थाइरोइड ग्लैंड के सही ढंग से काम करने में भी सहायक होते हैं। सेलेनियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे सूरजमुखी के बीज और ब्राजील नट्स बेहद लाभदायक होते हैं।
# टायरोसीन
यह अमीनो अम्ल T3 और T4 हार्मोन के उत्पादन में सहायक होता है। टायरोंरोसिन के मुख्य स्रोत है-मीट, डेयरी उत्पाद और फलियां।
# जिंक
सेलेनियम की तरह ही जिंक भी शरीर में थायराइड हार्मोन को एक्टिवेट करता है। अध्ययन से पता चलता है कि जिंक थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (TSH) को नियमित रूप से कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। यहीं हार्मोन थायराइड ग्लैंड को थायराइड हार्मोन उत्पन्न करने के लिए प्रेरित करता है।