यदि आप पेट दर्द को गंभीरता से नहीं लेते और अक्सर इस प्रकार के दर्द को इग्नोर करते रहते हैं तो आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इग्नोर होने वाला यही दर्द कहीं भयंकर बीमारी का संकेत तो नहीं। कहीं आप इंफ्लेमेटरी बावल डिसीज़ (Inflammatory bowel disease or IBD) से तो नहीं पीड़ित हैं। इंफ्लेमेटरी बावल डिसीज़ आईबीडी आंत में होने वाले डिसऑर्डर का एक समूह है जो लंबे समय के लिए पाचन तंत्र को प्रभावित रखता है।
क्रोहन’स डिसीज़ (Crohn’s Disease) और अल्सरेटिव कोलाइटिस (ulcerative colitis) इंफ्लेमेटरी बावल डिसीज़ के दो मुख्य रूप होते हैं। इंफ्लेमेटरी बावल डिसीज़ से पीड़ित व्यक्ति अक्सर असहनीय प्रदाहक दर्द महसूस करता है और जिसकी वजह से आंत में खुजली और सूजन हो जाती है। आंत में खुजली व सूजन होने के साथ साथ यह काफी लाल भी हो जाती है जिससे कभी-कभी पेट में ऐंठन और दर्द भी रहता है।
इंफ्लेमेटरी बावल डिसीज़ (Inflammatory bowel disease or IBD ) इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome or IBS) से काफी अलग होती है। इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम तब होता है जब पाचन तंत्र में कुछ खराबी आ जाती है जिसकी वजह से असहजता के लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जो सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही होते हैं जबकि इंफ्लेमेटरी बावल डिजाइंस एक क्रॉनिक डिसीज़ होती है इसमें पाचन तंत्र में संरचनात्मक और कार्यात्मक दोनों ही प्रकार की गड़बड़ियां आ जाती हैं। इसकी वजह से कई आंतरिक समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। जैसे- व्यक्ति को डायरिया हो जाना, मल में खून का आना और अक्सर पेट में ऐठन होना।
इंफ्लेमेटरी बावल डिजीज (Inflammatory bowel disease) व्यक्ति में एनीमिया, थकान व पोषण की कमी का कारण बनती है। कई बार तो इस प्रकार के मामले काफी सीरियस होते हैं और व्यक्ति को सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ जाती है।
दुर्भाग्यवश इंफ्लेमेटरी बावल डिसीज़ से बचने का कोई उपाय नहीं है किंतु फिर भी दवाइयों के द्वारा इस स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सकता है। यह अनुमान लगाया गया है कि लगभग 80% व्यक्ति जो क्रोहं’स डिसीज़ से पीड़ित हैं और 25% जो अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित हैं,उन्हें इस बीमारी में सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। निम्नलिखित बिंदु इंफ्लेमेटरी बावल डिसीज़ के मुख्य लक्षण दर्शाते हैं-
1# डायरिया-
इंफ्लेमेटरी बावल डिसीज़ का मुख्य लक्षण व्यक्ति में बार-बार डायरिया का होना होता है। पीड़ित व्यक्ति को बार बार टॉयलेट का इस्तेमाल करने की आवश्यकता पड़ती है। डायरिया होने पर व्यक्ति के मल में ब्लड, म्यूकस और पस भी आने लगता है।
2# पेट में दर्द-
यह स्थिति काफी असहनीय होती है जब व्यक्ति के पेट में कुछ समय अंतराल पर ऐंठन का अनुभव होता है। अक्सर यह ऐठन गैस रिलीज होने से पहले होती है।
3# थकान-
इंफ्लेमेटरी बावल डिसीज़ होने पर व्यक्ति थोड़े कार्य के बाद ही थकान महसूस करने लगता है। इसके अलावा बीमारी के चलते इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयों के भी काफी साइड इफेक्ट होते हैं।जैसे- नींद की कमी, एनीमिया, रात में अचानक पेट में दर्द होना और डायरिया।
4# अस्वस्थ अनुभव करना-
IBD से पीड़ित व्यक्ति अधिकांशतः अपने शरीर के तापमान में बढ़ोतरी देखता है। उसे हल्का हल्का बुखार भी रहता है।
5# भूख न लगना या वजन में कमी-
आईबीडी से पीड़ित व्यक्ति को भूख नहीं लगती और जिसकी वजह से उसका वजन लगातार कम होने लगता है। भूख न लगने की सबसे बड़ी वजह यह है कि आंतों में सूजन का होना।
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6# एनीमिया-
मल में रक्त आने की वजह से व्यक्ति अनीमिया का शिकार हो जाता है और यह एनीमिया लगातार बढ़ती जाती है क्योंकि व्यक्ति ठीक ढंग से भोजन भी नहीं करता। व्यक्ति के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं में कमी का होना एनीमिया कहलाता है।
7# मुंह का अल्सर-
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मुंह में अल्सर का होना इस बीमारी की सबसे बड़ा पहचान है।