विव रिचर्ड्स के सामने एंकर बने विराट कोहली, पूछा- कैसे बन गए इतने बड़े बल्लेबाज

Virat Kohli became anchor in front of Viv Richards, asked- how did he become such a big batsman

टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान के तौर पर विराट कोहली ने बीसीसीआई डॉट टीवी (bcci.tv) के लिए वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान का इंटरव्यू लिया.

विराट कोहली ने वेस्टइंडीज के दिग्गज विवियन रिचर्ड्स की हमेशा प्रशंसा की है. आखिरकार विराट के लिए बड़ा मौका सामने आ ही गया, जब टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान के तौर पर उन्होंने बीसीसीआई डॉट टीवी (bcci.tv) के लिए वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान का इंटरव्यू लिया.

30 साल के विराट ने इस दौरान कई ऐसे सवाल पूछे जो उनके दिमाग में वर्षों से चल रहे थे. उन्होंने 67 साल के रिचर्ड्स से जानना चाहा कि बल्लेबाजी के लिए उतरते वक्त वह क्या सोच रहे होते थे. इस जमाने में उपयोग किए जाने वाले आधुनिक गार्ड्स के बिना आपने अपनी पीढ़ी के तेज गेंदबाजों का कैसे सामना किया?
विव रिचर्ड्स ने 1991 में 15,000 (टेस्ट- 8540 + वनडे 6721) से अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाने के बाद क्रिकेट से संन्यास लिया. उन्होंने बातचीत के दौरान कोहली को बल्लेबाजी की कला के बारे में समझाया और बताया कि हाथ में बल्ला होने पर उनके दिमाग में क्या चल रहा होता था.
इंटरव्यू के चुनिंदा अंश-

विराट कोहली: जब आप खेल रहे होते थे तो क्या चुनौतियां होती थीं. किस वजह से आपने खुद पर इतना भरोसा किया, आपके आत्मविश्वास का वह सार क्या था?

Virat Kohli became anchor in front of Viv Richards, asked- how did he become such a big batsman

विव रिचर्ड्स: मैंने हमेशा महसूस किया कि मैं प्रतिस्पर्धा करने के लिए काफी अच्छा था. खुद को सबसे अच्छे तरीके से व्यक्त करना चाहता था, जो मैं कर सकता हूं. मुझे आप में भी वह थोड़ी-सी समानता दिखती है और आप में वही जुनून दिखाई दे रहा है.

विराट कोहली: मैंने जब भी आपके वीडियो देखे, बल्लेबाजी के लिए जाते हुए आप हैट पहने दिखे. उन दिनों कोई हेलमेट नहीं होता था. यह कुछ ऐसा था, जिससे लगता था कि आपको खुद पर बहुत भरोसा है.

मुझे पता है कि उन दिनों पिचें तैयार नहीं होती थीं और न आज की तरह ढकी होती थीं. यह जानते हुए कि आपके पास सुरक्षा के ज्यादा साधन नहीं हैं और बाउंसरों पर कोई प्रतिबंध नहीं है. आप क्रीज पर पहुंचते ही गेंदबाजों पर हावी हो जाते थे. चेंजिंग रूम से निकलने से पिच तक पहुंचने तक आप कैसा महसूस करते थे?

विव रिचर्ड्स: मुझे विश्वास था कि मैं आदमी हूं (कोहली हंसते हैं). यह सुनकर लोगों को लग सकता है कि मैं घमंडी हूं. लेकिन मुझे हमेशा लगता था कि मैं एक ऐसे खेल में शामिल था, जिसे मैं बहुत अच्छे से जानता था. मैंने हर बार खुद का समर्थन किया. मैंने हेलमेट पहनकर बल्लेबाजी की कोशिश तो की, लेकिन थोड़ा असहज महसूस हुआ, इसलिए मैंने मरून कैप का ही इस्तेमाल किया, जो मुझे दी गई थी.

Source: Aaj Tak News

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News Desk