फूलों की घाटी (Valley of Flowers) भारत का एक राष्ट्रीय उद्यान है। इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा 1982 में प्राप्त हुआ था। यह उत्तराखंड (Uttrakhand) के हिमालय क्षेत्र में चमोली (Chamoli) जिले में स्थित है जो गोविंदघाट के माध्यम से हेमकुंड साहिब के रास्ते पर पड़ती है। यूनेस्को ने फूलों की घाटी को राष्ट्रीय उद्यान के रुप में सम्मिलित कर इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। फूलों की घाटी नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान का भी एक हिस्सा है।
यह क्षेत्र बर्फ से ढकी पहाड़ियों से घिरा है। यात्री यहां पर 3 किलोमीटर लंबी और आधा किलो मीटर चौड़ी इस घाटी में सफेद और पीले रंग के अनेमोनेस, दिनथूस, कैलेंडुला,डेज़ी, स्नेक लिली, गेंदा, सौसुरिया, ट्रॉलीअस , लीगुलारिया, स्ट्रॉबेरी, बछनाग, डेल्फीनियम, बिस्टरता आदि फूलों को देखने के लिए आते हैं। यहां पर फूलों की 300 से भी अधिक प्रजातियों को देखा जा सकता है। फूलों के अलावा यह स्थान जानवरों की दुर्लभ प्रजातियों से भी भरपूर है। यहां पर हिमालयन भालू, तरस कस्तूरी मृग, बर्फ तेंदुए और तितलियों की कई प्रजातियां देखने को मिलती हैं।
इस घाटी के बारे में एक खास बात कही जाती है कि रामायण काल में हनुमान इसी घाटी पर संजीवनी बूटी लेने के लिए आए थे।
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फूलों की इस खूबसूरत घाटी का पता ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ और उनके मित्र आर एल होल्डवर्थ ने वर्ष 1931 में लगाया था इस घाटी की खूबसूरती को देख कर प्रभावित हुए और इन्होंने वर्ष 1938 में ‘ वैली ऑफ फ्लावर्स’ नामक एक पुस्तक का प्रकाशन भी किया। जिसमें उन्होंने इस घाटी में पाई जाने वाली फूलों की लगभग 500 से अधिक प्रजातियों का वर्णन किया है।
Image Courtesy-google
यह घाटी नवंबर से मई तक बर्फ की चादर से ढकी रहती है और जून से अक्टूबर तक यहां रंग-बिरंगे खूबसूरत फूल खिले हुए नजर आते हैं। अतः यहां घूमने का सबसे अच्छा समय 15 जून से 15 सितंबर तक रहता है। इस खूबसूरत घाटी को देख कर मन रोमांचित हो उड़ता है।
आप सिर्फ कल्पना करके ही अंदाजा लगा सकते हैं कि इस रंग बिरंगे फूलों से भरी घाटी की खूबसूरती देखते ही बनती होगी। फूलों की घाटी की सैर आपके मन में प्रसन्नता का अनुभव कराने के साथ-साथ आपको विभिन्न प्रकार की चिंताओं से मुक्त कर देगी।