टिकट बंटवारे को लेकर शिवसेना में असंतोष, बगावत रोकने के लिए उद्धव ने बुलाई बैठक

Uddhav convenes meeting to stop rebellion in Shiv Sena over ticket distribution

नवी मुंबई में ही करीब 200 से अधिक शिवसैनिकों ने इस्तीफा दे दिया है. ऐसा बताया जा रहा है कि नवी मुंबई कीअरोली, बेलापुर विधानसभा सीट के बीजेपी कोटे में जाने से नाराज शिवेसैनिकों ने यह कदम उठाया है.

मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly elections 2019) के लिए बीजेपी-शिवसेना में गठबंधन की पुष्टि होने के बाद शिवसेना में खलबली मच गई है. पार्टी के कई नेताओं द्वारा अपनी सीटें बीजेपी के खाते में जाने से बागी रुख अपना लिया है. हालांकि बीजेपी शिवसेना में अभी तक सीटों के बंटवारे को लेकर अभी कुछ तय नहीं हो सका है. शिवेसना में कई जिलों के नेताओं ने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है. नवी मुंबई में ही करीब 200 से अधिक शिवसैनिकों ने इस्तीफा दे दिया है. ऐसा बताया जा रहा है कि नवी मुंबई कीअरोली, बेलापुर विधानसभा सीट के बीजेपी कोटे में जाने से नाराज शिवेसैनिकों ने यह कदम उठाया है. हालांकि महाराष्ट्र में अभी तक बीजेपी-शिवसेना के बीच सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है.

बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद टिकट कटने से होने वाली नाराजगी को देखते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करने जा रहे हैं.

शिवसेना-बीजेपी के गठबंधन की आधिकारिक घोषणा सोमवार को कर दी गई. आगामी विधानसभा चुनाव बीजेपी, शिवसेना, आरपीआई, आरएसपी (राष्ट्रीय समाज पक्ष) और अन्य मिलकर लड़ेंगे. एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिये गठबंधन की घोषणा की गई है. हालांकि, पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या होगा, इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है.

Uddhav convenes meeting to stop rebellion in Shiv Sena over ticket distribution

इसी बीच, ठाकरे परिवार ने किंगमेकर से ‘किंग’ बनने का कार्ड चल दिया है. ठाकरे परिवार से पहली बार आदित्य ठाकरे (Aaditya thackeray) को चुनावी मैदान में उतरा गया है. शिवसेना के इतिहास में आज तक कभी किसी नेता ने चुनाव नहीं लड़ा. बालासाहेब ठाकरे और उद्धव ठाकरे हमेशा किंगमेकर की भूमिका रहे लेकिन पहली बार बालासाहेब के पोते आदित्य ठाकरे को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया गया है.

शिवसेना के 53 साल के इतिहास में ये पहला मौका है जब ठाकरे खानदान से आदित्य ठाकरे राजनीति में सीधी टक्कर के लिए मैदान में उतरे हैं. इस चुनाव में ठाकरे खानदान पहली बार अपने युवराज के लिए वोट मांगेगा. 29 साल के आदित्य ठाकरे को मुंबई की वर्ली सीट से मैदान में उतारा गया है.

इसलिए लड़ रहे हैं वर्ली से चुनाव
आपको बताते हैं कि आदित्य ठाकरे क्यों वर्ली से ही चुनाव लड़ रहे हैं. वर्ली सेना की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है. वर्ली सीट से एनसीपी के अहिर सचिन शिव सेना में शामिल हो चुके हैं. चुनाव में आदित्य ठाकरे की राह आसान हुई है. संजय राउत ने शरद पवार से मुलाकात की. आदित्य ठाकरे के पहले चुनाव को आसान बनाने के लिए मुलाकात की गई. 29 वर्ष के आदित्य ठाकरे 5 साल से राजनीति में हैं. पुणे रैली में उद्धव ठाकरे का ऐलान किया. शिव सैनिक को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया. जुलाई 2019 में आदित्य ने जन आशीर्वाद यात्रा शुरू की. लोकसभा चुनाव में जीत के बाद जनता को धन्यवाद देने के लिए यात्रा की.

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News Desk