शनि देव सबसे गुस्सैल देवता के रूप में जाने जाते हैं और इनको न्याय का देवता भी कहा जाता है यह व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं वैसे देखा जाए तो शनिदेव की कृपा किसी पर आसानी से नहीं पड़ती है परंतु अगर शनि देव किसी व्यक्ति से प्रसन्न हो जाए तो उसका जीवन धन-धान्य से परिपूर्ण रहता है इसलिए कभी भी शनिदेव को नाराज नहीं करना चाहिए अगर यह एक बार नाराज हो जाए तो आप चाहे इनको कितना भी मनाते रहो चाहे कितने भी अच्छे काम कर लो यह उसका फल आपको नहीं देंगे इसीलिए इनको कर्म फल दाता भी कहा जाता है बुरे कर्म वालों को बुरा फल और अच्छे कर्म वालों को अच्छा फल देते हैं इन सभी चीजों का ध्यान शनिदेव ही रखते हैं अगर आपसे शनिदेव नाराज हो गए तो आपके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ेगा।
आज हम आपको कुछ ऐसी बुरी आदतें बताने वाले हैं जिनकी वजह से शनिदेव को क्रोध आता हैं. जिन लोगो के अन्दर ये 4 बुरी आदतें विद्यमान हैं उन्हें जल्द ही इन्हें बदलना चाहिए वरना शनिदेव रुष्ट हो सकते हैं.
ये आदतें करती हैं शनिदेव को क्रोधित
1. भगवान का अपमान: कई लोगो की आदत होती हैं कि जब उसकी लाइफ में सबकुछ अच्छा और मनमुताबिक हो रहा होता हैं तब तो वो भगवान की बड़ी तारीफ करता हैं. लेकिन जब उसकी लाइफ में कुछ गलत या उसकी मर्जी के अनुसार चीजे घटित नहीं होती हैं तो वो भगवान को कोसने लगता हैं, उन्हें ताने मारने लगता हैं. शनिदेव को ऐसे नेचर वाले लोग बिलकुल पसंद नहीं होते हैं.
2. शनिवार को दीपक ना लगाना: वैसे तो रोजाना ही भगवान की पूजा पाठ करना और उन्हें दीपक अगरबत्ती लगाना शुभ होता हैं. लेकिन जो व्यक्ति शनिवार के दिन घर में या मंदिर में तेल का दीपक नहीं जलाता हैं शनिदेव उससे अप्रसन्न रहते हैं. वह उस व्यक्ति के ऊपर से अपनी कृपा दृष्टि हटा लेते हैं. इसलिए प्रत्येक शनिवार को कम से कम एक वक़्त तेल का दीपक जरूर प्रज्वलित करना चाहिए.
3. चमड़े की वस्तु पहन पूजा: आप जब भी शनिदेव की आरधना करते हैं तब अपने शरीर पर किसी भी चमड़े से बनी वस्तु जैसे बेल्ट, लेदर जैकेट, पर्स इत्यादि ना रखे. शनिदेव को यह बिलकुल पसंद नहीं हैं. आप अपने घर में पूजा कर रहे हो या शनि मंदिर में, बस इन चमड़े से बनी वस्तु को उनके नजदीक ना ले जाए.
4. कौए को पत्थर मारना: कई बार जब कौआ हमारे घर की छत या आँगन में आ जाता हैं तो कुछ लोग उसे पत्थर मार भगाने लगते हैं. आपको बता दे कि शनिदेव को ऐसी हरकत करने वाले व्यक्ति बिलकुल पसंद नहीं आते हैं. कौआ शनिदेव का वाहन होता हैं ऐसे में उनके वाहन को पत्थर मारना मतलब खुद शनिदेव का अपमान माना जाता हैं. ऐसा करने वाले लोगो के ऊपर दुःख के काले बादल मंडराने लगते हैं.