महिलाओं को होना चाहिए किडनी रोग के प्रति जागरूक: kidney disease

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परिवार की सेहत के प्रति संजीदा रहने वाली महिलाएं अक्सर खुद पर उतना ध्यान नहीं देती हैं। घर गृहस्थी और नौकरी की व्यस्तता के चलते अपनी डाइट का ख्याल नहीं रखती हैं। ऐसे में कब और किस बीमारी का शिकार हो जाएंगे खुद नहीं जानती। अनुचित खान पान और बदलती लाइफस्टाइल के चलते महिलाओं में किडनी की समस्या (kidney disease) भी आम हो चुकी है। इस आर्टिकल में हम किडनी रोग के लक्षण और सावधानियों पर जानकारी दे रहे हैं।

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इन लक्षणों को न करें अनदेखा

  • ब्लड प्रेशर बढ़ना, पैर और चेहरे पर सूजन आना, खून की कमी होना,
  • बार बार और बहुत ज्यादा पेशाब आना, पेशाब के रास्ते में जलन गर्भपात और
  • प्रसव के समय अत्यधिक रक्तस्राव अधिकारों से महिलाओं में किडनी रोग की आशंका बढ़ जाती है।
  • प्रेगनेंसी के दौरान हाइपरटेंशन होना।
  • यदि इस प्रकार के लक्षण किसी में दिखाई दे तो तुरंत जांच करानी चाहिए क्योंकि किडनी संबंधी बीमारियां जल्दी पकड़ में नहीं आती हैं।

क्रोनिक किडनी रोग (CKD)

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Chronic kidney disease  एक ग्लोबल पब्लिक हेल्थ समस्या है।। प्रत्येक 10 में से एक व्यक्ति गुर्दा रोग से ग्रसित है। सीकेडी से दुनिया भर में करीब डेढ़ करोड़ महिलाएं प्रभावित हैं और वर्तमान में महिलाओं में मौत का आठवां प्रमुख कारण है। हर साल करीब 600000 महिलाओं की मौत गुर्दा रोग से संबंधित रोगों के कारण होती है। कुछ अध्ययनों के मुताबिक सीकेडी पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में होने की ज्यादा संभावना होती है। हालांकि कुछ प्रारंभिक जांचो से इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है।

सेहत को लेकर रहें सावधान

  • अक्सर महिलाएं घर के काम करने के बाद थकावट महसूस करती हैं।
  • घरेलू कामों में थोड़ी बहुत थकावट होना आम है लेकिन ज्यादा थकावट होना बीमारी का एक लक्षण है।
  • ऐसे में लापरवाही न करें और तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

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गर्भवती महिलाएं रखें खास ख्याल

  • गर्भावस्था के दौरान दूसरी जाँचों के साथ ही किडनी संबंधी जांचे भी महिलाओं को करानी चाहिए।
  • इसके लिए वे अपनी गायनोकोलॉजिस्ट से परामर्श ले सकती हैं।
  • यदि किडनी की बीमारी किसी गर्भवती महिला को हो जाती है तो यह उसके बच्चे के लिए भी खतरनाक हो सकती है।
  • वहीं प्रीमैच्योर डिलीवरी होने के ज्यादा चांस भी होते हैं।

हर 6 माह पर कराएं जांच

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40 से 50 वर्ष के ऊपर की महिलाएं समय-समय पर अपना ब्लडप्रेशर, शुगर और ब्लड शुगर की जांच अवश्य कराएं। बेवजह दवाओं के सेवन से बचे। महिलाएं अक्सर अपनी सेहत के प्रति लापरवाही बरतती हैं जो उनके लिए कई बार खतरनाक साबित होता है। पूरे परिवार का ख्याल रखने वाली महिलाओं को सबसे पहले अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए तभी तो वह परिवार का ख्याल रख सकेगी।

प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों से बनाएं दूरी

वैसे तो खान पान का संबंध किडनी से नहीं है लेकिन किसी कारणवश यदि किडनी खराब हो जाती है तो ऐसे में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए क्योंकि यह किडनी के मरीजों के लिए हानिकारक होता है।

नशीले पदार्थों से रहें दूर

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Image Courtesy-google

  • यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है।
  • आजकल तो बच्चों में भी किडनी संबंधित रोग देखे जाते हैं।
  • युवा अक्सर छिपकर नशा करने लगते हैं। नशीले पदार्थ भी किडनी को प्रभावित करते हैं।
  • इससे बचने के लिए सिगरेट, शराब और नशीली पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

व्यायाम बहुत जरूरी है

संतुलित भोजन के साथ ही नियमित व्यायाम करना भी जरूरी है। इसके अलावा शरीर में चर्बी न बढ़ने दे। किडनी की बीमारियों में ओबेसिटी भी एक मुख्य कारण है। घर के कामकाज खुद करने का प्रयास करें जिससे फिजिकल एक्साइज होती रहती है।

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News Desk