पैनिक अटैक या घबराहट के दौरे (Panic Attack or Anxiety) पड़ने पर व्यक्ति स्वयं को डरा हुआ अनुभव करता है। उसे अपने शरीर में कोई हलचल महसूस नहीं होती। यह अटैक कम समय के होते हैं और अचानक से कभी भी आ सकते हैं। अलग-अलग व्यक्ति इस प्रकार के अटैक को अलग अलग तरह से अनुभव करते हैं। किसी एक व्यक्ति के पैनिक अटैक की तुलना किसी दूसरे से नहीं की जा सकती। पैनिक अटैक के लक्षणों की सूची काफी लंबी होती है। कुछ व्यक्ति इस अटैक के दौरान कंपकपी महसूस करते हैं तो कुछ लोगों के पसीने छूटने लगते हैं किंतु फिर भी कुछ आधारभूत बातों को ध्यान में रखकर आप पैनिक अटैक आने पर इसे समझ सकते हैं और व्यक्ति की सहायता कर सकते हैं। यह आवश्यक नहीं कि पैनिक अटैक आने पर आप उस व्यक्ति के पास हो आप उन्हें फोन पर भी सहायता दे सकते हैं।
# आश्वासन दें-
घबराहट का दौरा आने पर आपको व्यक्ति से सहज रुप से यह कहना होगा। जैसे- शांत हो जाओ या फिर घबराने की कोई बात नहीं है, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ सब कुछ ठीक है और उन्हें आश्वासन दें कि सब कुछ ठीक हो जाएगा और आप उनके साथ हैं। पैनिक अटैक पड़ने पर व्यक्ति काफी डरा हुआ महसूस करता है इसलिए आप भरपूर प्रयास के साथ उन्हें शांत रखने की कोशिश करें और उनसे कहे कि वे सब कुछ ठीक कर रहे हैं और सभी बुरी चीजें बीत जाएंगी।
# सांस लेने की याद दिलाएं-
यह कुछ अजीब लगता है किंतु ऐसा देखा गया है कि पैनिक अटैक आने पर व्यक्ति के सांस लेने में अनियमितता हो जाती है इसलिए आपको ऐसे व्यक्तियों में यदि इस प्रकार का कोई लक्षण दिखाई पड़ता है तो आपको उस व्यक्ति से लगातार सांस लेने के लिए कहते रहना चाहिए जिससे अटैक के अन्य लक्षण दिखाई नहीं देंगे। यदि आपके पास कोई कागज का थैला है तो आपको उन्हें उस थैले में सांस लेने के लिए कहना चाहिए। यदि थैला नहीं है तो भी व्यक्ति को अपने दोनों हाथ मुंह के सामने रखकर उसमें सांस लेना चाहिए।
# उनकी जरूरत के बारे में पूछें-
प्रत्येक व्यक्ति अलग अलग तरीके से पैनिक अटैक से उबरता है इसलिए बेहतर होगा कि आप उस व्यक्ति से उसकी जरूरतों के बारे में पूछें। लगातार प्रश्नों के पूछने के बजाय आप सामान्य प्रश्न पूछे।जैसे-
- क्या तुम्हें पानी चाहिए?
- क्या तुम मेरा हाथ पकड़ना चाहते हो? या
- तुम शांति में रहना पसंद करोगे?
- क्या तुम बाहर टहलना चाहते हो? या
- तुम्हें कुछ चाहिए?
# किसी अन्य चीज में व्यस्त करें-
पैनिक अटैक आने पर आप उस व्यक्ति से किसी अन्य विषय पर बात कर सकते हैं या तो वह व्यक्ति सुनेगा और उस पर प्रतिक्रिया देगा या फिर वह व्यक्ति आपकी बातों को इग्नोर कर देगा किंतु आप अपना प्रयास जारी रखें और उनसे बातचीत करते रहे। यह सबसे अच्छा तरीका है। सबसे अच्छी क्रियात्मकता यह होगी कि आप उस व्यक्ति से यह पूछे कि
- तुम्हें कौन सी पांच चीजें दिखाई पड़ रही है? या
- 4 चीजें जो तुम छू सकते हो? या
- तीन चीजें जो तुम सुन सकते हो?
- दो ऐसी चीज है जो तुम सूँघ सकते हो? या
- कोई एक ऐसी चीज़ जिसे तुम टेस्ट कर रहे हो?
इस तरह के प्रश्न व्यक्ति के पैनिक अटैक के स्तर को कम करते हैं।
यह भी पढ़े-
7 लक्षण जो दर्शाते हैं कि आप अवसाद यानी डिप्रेशन से पीड़ित हैं
# धैर्य सहित उस व्यक्ति के साथ रहें-
Image Courtesy-google
अटैक आने पर आप पीड़ित व्यक्ति से यह कहे कि आप उसके साथ ही रहेंगे और उससे पूछे कि आपको कोई परेशानी तो नहीं कि यदि मैं आपके पास रुकूँ। पैनिक अटैक की समय अवधि अलग-अलग व्यक्ति में अलग-अलग होती है इसलिए आपको धैर्य के साथ उस व्यक्ति का तब तक साथ देना चाहिए जब तक आप को उस व्यक्ति में ऐसे लक्षण न दिखाई पड़े कि जिससे आप को सुनिश्चित हो जाए कि व्यक्ति अब अटैक से बाहर है। जब आपको यह निश्चित हो जाए कि व्यक्ति पैनिक अटैक से बाहर है तो आप उसे कुछ खाने या पीने के लिए भी पूछ सकते हैं और उससे यह भी पूछ सकते हैं कि तुम्हें कैसा फील हो रहा है।
ऐसा करके आपको अपने ऊपर गर्व महसूस होगा कि आप एक अच्छे व्यक्ति हैं क्योंकि आपने किसी व्यक्ति की सहायता के लिए कुछ प्रयास किया है।