किसी भी महिला के लिए मातृत्व सुख ईश्वर का दिया एक अनमोल उपहार है जिसके द्वारा स्त्री पूर्णता का एहसास प्राप्त करती है मां बनने की अनुभूति बेहद सुखद होती है मगर इस दौरान गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतना भी जरूरी होता है। अक्सर लापरवाही के चलते बहुत सी महिलाएं मातृत्व सुख से वंचित भी रह जाती हैं। विशेषज्ञ भी सलाह देते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपने खानपान, रुटीन चेकअप और एक्सरसाइज का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि प्रत्येक महिला सुरक्षित मातृत्व (Safe Motherhood) पा सके|
कराएं नियमित जांच
बड़ी संख्या में गर्भवती स्त्रियों की किसी न किसी कारण से गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान या फिर बच्चे के जन्म के बाद मौत हो जाती है जिनमें सबसे प्रमुख कारण खून की कमी का होना है। इनमें ज्यादातर वही महिलाएं होती हैं जो गर्भावस्था के दौरान रूटीन चेकअप के लिए हॉस्पिटल नहीं जाती हैं इसलिए उन्हें पता ही नहीं चलता कि उनके भीतर स्वास्थ्य संबंधी कौन सी दिक्कतें पैदा हो रही हैं। गर्भावस्था के दौरान अधिकतर महिलाओं को खून की कमी होना, ब्लड प्रेशर की समस्या,अनुचित खान-पान या सही डाइट न लेना, किडनी लीवर, शुगर, थायराइड आदि समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। समय पर जांच न करवाने से उन्हें इन रोगों का पता नहीं चल पाता है और वे हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में चले जाते हैं। अतः प्रेगनेंसी के दौरान नियमित रूप से जांच कराना बेहद आवश्यक है। आप समय समय पर अस्पताल जाकर अपनी जांच करवा सकते हैं।
न होने दे पानी की कमी
गर्भावस्था के दौरान सबसे ज्यादा खानपान का ध्यान रखना चाहिए। चाहे वर्किंग हो या ग्रहणी सभी के लिए संतुलित और पौष्टिक भोजन का सेवन बहुत जरूरी है। सुबह उठकर दो तीन गिलास गुनगुना या नॉर्मल पानी का सेवन करें। थोड़ी देर बाद ताजी हवा में टहलने जाए। यदि चिकित्सक से सलाह ली है तो योगा या कोई दूसरी एक्सरसाइज भी कर सकती हैं। शरीर में पानी की कमी न होने दें। थोड़ी थोड़ी देर में पानी, शिकंजी, जूस, छाछ, नारियल पानी जैसे लिक्विड डाइट (Liquid Diet) लेती रहे।
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संतुलित और पौष्टिक भोजन का करें सेवन
उच्च प्रोटीन युक्त नाश्ता करें जिसमें चना, पनीर, दूध, कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ ले। नाश्ते में गेहूं से बने खाद्य पदार्थ जरूर शामिल करें। सामान्य या स्टफ्ड पराठा, सैंडविच, आमलेट के साथ ब्रेड, वेजिटेबल सैंडविच लें। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ में दूध, अंडा, दाल से बनी चीजें ताजे फल जूस ले सकते हैं। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और मिनरल्स युक्त नाश्ता स्वास्थ्यवर्धक होता है। ब्रेकफास्ट और लंच के बीच के समय में छाछ, नारियल पानी, जूस आदि का सेवन करें| लंच में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, मिनरल्स व विटामिन युक्त भोजन करें। अतः लंच में दाल,, रोटी, सब्जी, चावल सलाद, एक कटोरी दही ले सकते हैं। शाम को चाय के समय यदि आपको कोई रोग नहीं है तो सीमित मात्रा में स्नैक्स के साथ चाय कॉफी ले सकती हैं।
रात का भोजन सोने से 2 घंटे पहले करें। समय निकालकर इवनिंग वॉक भी करनी चाहिए। डिनर में भी प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स व विटामिन युक्त भोजन करें। किसी भी मील को स्किप करने की बिल्कुल कोशिश न करें और यह भी ध्यान रखें कि अपनी भूख से कम खाएं| यानी सौ फीसद भूख है तो केवल 75 फ़ीसदी खाएं। हमेशा भरपेट भोजन ना करें हर भोजन में कम से कम 2 घंटे का अंतर रखें। हैवी ब्रेकफास्ट मीडियम लंच और लाइट डिनर एक आइडल डाइट है।
करें विशेष व्यायाम
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गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही आप कोई व्यायाम (Exercise) कर सकती हैं। इस दौरान डीप ब्रीथिंग बहुत फायदेमंद होती है। इसके अलावा अनुलोम-विलोम, स्ट्रेच, पैरों से संबंधित एक्साइज की जा सकती है। पहले महीने से लेकर 9 महीने तक डीप ब्रीदिंग मां और बच्चे दोनों के लिए लाभदायक होती है। हां शुरू के 3 महीने थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि यह 3 महीने रिस्की होते हैं। 3 महीने बाद यदि महिला को कोई हेल्थ प्रॉब्लम नहीं है और डॉक्टर ने सलाह दी है तो एक्सरसाइज करनी चाहिए। इस दौरान लेग स्ट्रेचिंग,ब्लैक सर्किल ब्रीदींग, लेग्स अप्स एंड डाउन,साइड लेग रेस, बैक एक्सरसाइज की जा सकती है।