केंद्र की मोदी सरकार सामाजिक बुराई को खत्म करने और अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने एक जबरदस्त स्कीम चला रखी है। इस स्कीम के तहत शादी करने पर मोदी सरकार नवदंपति को 2 लाख 50 हजार रुपये देती है। लेकिन जानकारी के लिए बताते चले यह राशी उसी को मिलेगी जो दलित से अंतरजातीय विवाह करता है। इस सरकारी योजना की शुरुआत कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने साल 2013 में शुरू की थी। उस समय मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। यह योजना आज भी चल रही है। इस योजना का लाभ पाने के लिए कुछ शर्ते हैं और इसके लिए एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होता है।
जानकारी के लिए बताते चले सरकार द्वारा दी जा रही इस स्कीम का मकसद जाति व्यवस्था की बुराई के खिलाफ बोल्ड कदम उठाने वाले युवक-युवतियों को प्रोत्साहित करना है. साथ ही अंतरजातीय विवाह करने वाले नवदंपति को घर बसाने में मदद करना है.
इस आर्थिक मदद के लिए दो तरीके से आवेदन किया जा सकता है…..
1. नवदंपति अपने क्षेत्र के मौजूदा सांसद या विधायक की सिफारिश के साथ आवेदन को पूरा करके सीधे डॉ अंबेडकर फाउंडेशन को भेज सकते हैं.
2. नवदंपति आवेदन को पूरा भरकर राज्य सरकार या जिला प्रशासन को सौंप सकते हैं. इसके बाद राज्य सरकार या जिला प्रशासन आवेदन को सिफारिश के साथ डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन को भेज देते हैं.
किनको मिलेगा फायदा
- नवदंपति में से कोई एक दलित समुदाय से होना चाहिए, जबकि दूसरा दलित समुदाय से बाहर का होना चाहिए.
- शादी को हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत रजिस्टर होना चाहिए. इस संबंध में नवदंपति को एक हलफनामा दाखिल करना होगा.
- इस स्कीम का फायदा उन्हीं नवदंपति को मिलेगा, जिन्होंने पहली बार शादी की है. दूसरी शादी करने वालों को इसका फायदा नहीं मिलेगा.
- आवेदन पूरा करके शादी के एक साल के अंदर डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन को भेजना होगा.
- अगर नवदंपति को राज्य या केंद्र सरकार द्वारा किसी तरह की आर्थिक सहायता पहले मिल चुकी है, तो उसको इस ढाई लाख रुपये की धनराशि में घटा दी जाएगी.
आवेदन के साथ लगाएं ये जरुरी दस्तावेज
1. नवदंपति में से जो भी दलित यानी अनुसूचित जाति समुदाय से हो, उसका जाति प्रमाण पत्र आवेदन के साथ लगाना होगा.
2. हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत शादी रजिस्टर करने के बाद जारी मैरिज सर्टिफिकेट भी संलग्न करना होगा.
3. आवेदन के साथ कानूनी रूप से विवाहित होने का हलफनामा देना होगा.
4. आवेदन के साथ ऐसा दस्तावेज भी लगाना होगा, जिससे यह साबित हो कि दोनों की यह पहली शादी है.
5. नवविवाहित पति-पत्नी का आय प्रमाण पत्र भी देना होगा.
6. नवदंपति का संयुक्त बैंक खाते की जानकारी देनी होगी.
जानकारी के लिए बताते चले अगर भेजा गया नवदंपति का आवेदन सही पाया जाता है, तो सरकार उनके संयुक्त खाते में डेढ़ लाख रुपये की धनराशी फौरन भेज दिए जाते हैं. इसके अलावा जानकारी के लिए बता दे बाकी की एक लाख रुपये की धनराशी को उनके खाते में तीन वर्ष के लिए फिक्स डिपोजिट करा दिया जाता है. तीन साल बाद डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन की सहमति से यह पैसा ब्याज के साथ दंपति को मिल जाता है. इस स्कीम के तहत हर वर्ष 500 दंपति को ही इसका लाभ देने का सरकार का लक्ष्य रखा गया है.