हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेनामी संपत्ति धारको को नीचे गिराने और उनकी जिंदगी की काली करतूतों को सामने लाने के लिए यह तय किया है कि किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी के लेन-देन में आधार कार्ड (Aadhar Card) का होना अनिवार्य है। ऐसा पहली बार होगा जब कोई खुलकर प्रॉपर्टी के लेन-देन में सामने आएगा।
मोदी सरकार का यह प्रयास रहा है कि वे काले धन को निकाल कर बाहर करें। उनके इस निर्णय के पीछे यह उद्देश्य है कि बेनामी संपत्तियों के लेन-देन पर रोक लगे और इससे काफी हद तक काला धन भी बाहर आएगा। प्रॉपर्टी के लिए आधार कार्ड को लिंक करने का आदेश एक सफल उपाय साबित होगा क्योंकि आधार कार्ड (Aadhar Card) को सभी व्यक्तियों के बैंक अकाउंट से भी जोड़ा जा रहा है। ऐसी बेनामी संपत्तियों के लेन-देन में सरकार कुछ अन्य कदम भी उठा सकती है।
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यूनियन मिनिस्टर ने भी कहा कि आधार कार्ड को प्रॉपर्टी के खरीदने या बेचने मे अनिवार्य करना काले धन से देश को मुक्त करने का एक अहम कदम होगा और मुझे इसमें कोई शंका नहीं है। हरदीप पुरी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बड़ी कीमत वाली संपत्तियों का लेन-देन रडार पर है। उन्होंने कहा किस विश्व में कोई भी अर्थव्यवस्था ऐसी नहीं है जो पूर्ण रूप से नगदी रहित हो। लोग इस प्रकार की स्थिर संपत्ति को खरीदने व बेचने में सरकार को कोई आवश्यक जानकारी देना अनिवार्य महसूस नहीं करते।
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मोदी सरकार का यह फैसला सामान्य जनता के हित में होगा| जो व्यक्ति ऐसा नही करेगा उसे सजा के तौर पर जेल भी जाना पड़ सकता है |