IRCTC इन दो रूट पर चलाएगा तेजस ट्रेनें, अगले महीने होगी शुरुआत

IRCTC will run Tejas trains on these two routes, will start next month

रेल मंत्रालय की ओर से तैयार किए गए 100 दिन के एक्शन प्लान के तहत आने वाले दिनों में दो प्रीमियम ट्रेनों को चलाने का काम आईआरसीटीसी (IRCTC) को दिया जाना है.
नई दिल्ली : रेलवे मिनिस्ट्री की तरफ से तैयार किए गए 100 दिन के एक्शन प्लान के तहत आने वाले दिनों में दो प्रीमियम ट्रेनों को चलाने का काम आईआरसीटीसी (IRCTC) को दिया जाना है. रेलवे से हुए समझौते के तहत IRCTC को नई दिल्ली से लखनऊ जंक्शन और अहमदाबाद से मुंबई सेंट्रल के बीच तेजस ट्रेनें चलाने की जिम्मेदारी दी गई है. इन ट्रेनों को सितंबर में चलाना शुरू किया जा सकता है.

तीन साल के लिए दी गईं ट्रेनें
सहयोगी वेबसाइट www.zeebiz.com/hindi में प्रकाशित खबर के अनुसार IRCTC को ये ट्रेनें पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर तीन साल के लिए दी गई हैं. यदि सबकुछ ठीक रहा तो इस समझौते की समय सीमा को बढ़ा दिया जाएगा. दोनों ट्रेनें सप्ताह में 06 दिन चलाई जाएंगी.

लखनऊ तेजस का ये होगा शेड्यूल
नई दिल्ली से लखनऊ के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस सुबह 6.10 बजे लखनऊ जंग्शन से चलाई जाएगी. रास्ते में ये ट्रेन कानपुर और गाजियाबाद रेलवे स्टेशनों पर रुकेगी. ये ट्रेन 12.25 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाएगी. वापसी में ये ट्रेन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से शाम 4.30 बजे चेलगी. रात 10.45 बजे ये ट्रेन लखनऊ जंग्शन पहुंच जाएगी.

अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल तेजस का शेड्यूल
अहमदाबाद से मुंबई सेंट्रल के बीच चलाई जाने वाली तेजस एक्सप्रेस सुबह 6.40 बजे अहमदाबाद से चलेगी. दोपहर 1.10 बजे ये ट्रेन मुंबई सेंट्रल पहुंच जाएगी. रास्ते में ये ट्रेन वड़ोदरा और सूरत रेलवे स्टेशनों पर रुकेगी. वापसी में ये रेलगाड़ी दोपहर 3.40 बजे मुंबई सेंट्रल से चलेगी और रात 9.55 पर ये ट्रेन अहमदाबाद पहुंच जाएगी.

हॉलेज कांसेप्ट पर चलेंगी ट्रेनें
गौरतलब है कि IRCTC को जो ट्रेनें दी जाएंगी उन ट्रेनों को हॉलेज कांसेप्ट पर चलाया जाएगा. इसके तहत रेलगाड़ी को चलाने, उसकी टिकटिंग व ऑन बोर्ड सर्विस की जिम्मेदारी IRCTC की ही होगी.

क्या है हॉलेज कांसेप्ट
दरअसल एक ट्रेन या एक डिब्बे को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचाने में रेलवे का एक खर्च आता है. इस खर्च को ही हॉलेज कहते हैं. रेलवे हॉलेज चार्ज के तहत जिसे भी ट्रेन देगी उससे गाड़ी को रेलवे के नेटवर्क पर चलने में आने वाले खर्च और उस पर कुछ मुनाफा लेगी. बाकी ट्रेन के चलने में फायदा हो या नुकसान यह जिम्मेदारी उस ट्रेन को चलाने वाले की होगी.

Source: Zee News

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News Desk