नई दिल्ली (New Delhi) : रिपब्लिकन सदस्यों की बहुलता वाली संसदीय समिति ने आज कहा कि 2016 राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रचार अभियान और रूस के बीच गठजोड़ की जांच के दौरान उसे कोई साक्ष्य नहीं मिला है. सदन की खुफिया मामलों की समिति की ओर से जारी प्राथमिक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमें ट्रंप प्रचार अभियान और रूसियों के बीच साठगांठ, सहयोग या षड्यंत्र का कोई साक्ष्य नहीं मिला है.’’पैनल ने कहा कि उसने अमेरिकी खुफिया विभाग के इस निष्कर्ष को भी स्वीकार किया है कि रूसियों ने राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप किया था, लेकिन इससे इंकार किया है कि मॉस्को ने खास तौर पर ट्रंप को जीत दिलाने की कोशिश की.
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गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी एक साक्षात्कार में कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अगर किसी रूसी नागरिक ने दखल किया तो इससे उनका कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के प्रयासों को क्रेमलिन से जोड़कर नहीं देखा जा सकता. पुतिन का यह साक्षात्कार ‘एनबीसी’ टेलीविजन पर प्रसारित हुआ था. उन्होंने कहा, ‘‘ आखिर आपने यह कैसे तय कर लिया कि मैंने और किसी रूसी अधिकारी ने इसे करने की इजाजत दी होगी.’’पुतिन ने कहा, ‘‘14.6 करोड़ रूसी नागरिक हैं. तो क्या हुआ? मुझे कोई परवाह नहीं. मेरा इससे क्या लेना देना हो सकता है. वे तो रूसी राज्य के हितों का प्रतिनिधित्व भी नहीं करते.’’उन्होंने कहा, ‘‘ क्या हमने अमेरिका पर प्रतिबंध लगाया है? लेकिन अमेरिका ने तो हम पर प्रतिबंध लगाया.’’
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गौरतलब है कि अमेरिका में साल 2016 में राष्ट्रपति चुनावों में रूसी हस्तक्षेप के आरोप लगे हैं और इनकी जांच हो रही है. स्पेशल काउंसिल रॉबर्ट मुलर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के चुनाव प्रचार अभियान में रूसी साठगांठ के आरोपों की व्यापक जांच कर रहे हैं. आरोप है कि ट्रंप को राष्ट्रपति बनाने में रूस की मदद ली गयी थी.