दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट 22 से 26 अगस्त तक सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम (नॉर्थ साउंड, एंटीगा) में खेला जाएगा.
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के लिए संयोजन तैयार करने को लेकर भारतीय टीम प्रबंधन असमंजस की स्थिति में है. पांच विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ उतरने की दशा में रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे में से किसका चयन करना है यह अभी तय नहीं हुआ है. दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट 22 से 26 अगस्त तक सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम (नॉर्थ साउंड, एंटीगा) में खेला जाएगा. यह दोनों टीमों का विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के तहत पहला मुकाबला होगा.
टीम इंडिया अगर चार गेंदबाजों के साथ उतरने की रणनीति पर चलती है तो रोहित और रहाणे दोनों को अंतिम एकादश में जगह मिल सकती है. अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर इन दोनों में से किसी एक को बाहर बैठना होगा और मौजूदा फॉर्म को देखते हुए रहाणे का चयन मुश्किल लग रहा है.
भारत साढ़े सात महीने के बाद लंबी अवधि के प्रारूप में खेलने के लिए उतरेगा और अंतिम एकादश को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही है कि विराट कोहली और रवि शास्त्री गुरुवार से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच के लिए अतिरिक्त छठे बल्लेबाज या अतिरिक्त गेंदबाज के साथ उतरते हैं या नहीं.
अगर भारतीय टीम प्रबंधन परंपरागत रणनीति से चलता है तो केएल राहुल और मयंक अग्रवाल को पारी का आगाज करना चाहिए, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि राहुल को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम दो टेस्ट मैचों के लिए टीम में नहीं चुना गया था और हनुमा विहारी ने पारी की शुरुआत की थी.
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विहारी ने हालांकि ज्यादा रन नहीं बनाए, लेकिन उन्होंने गेंद की चमक उतारने में अहम भूमिका निभाई, जिसका अग्रवाल और चेतेश्वर पुजारा को फायदा मिला. अगर राहुल के पिछले साल के खराब टेस्ट रिकॉर्ड को ध्यान में रखा जाता है तो विहारी फिर से पारी का आगाज कर सकते हैं.
पुजारा और कोहली तीसरे और चौथे नंबर पर दो मजबूत स्तंभ हैं, लेकिन समस्या उसके बाद शुरू होती है. विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत छठे नंबर पर उतर सकते हैं और हार्दिक पंड्या की गौरमौजूदगी में रवींद्र जडेजा टीम को संतुलन देने के लिए सातवें नंबर पर आ सकते हैं. ऐसे में कोहली को रोहित और रहाणे में से किसी एक का ही चयन करना होगा.
रोहित ने अपनी अंतिम टेस्ट पारी में नाबाद अर्धशतक जमाया था और अभ्यास मैच की पहली पारी में भी उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की. रहाणे ने दूसरी पारी में रन बनाए, लेकिन वह अच्छे फॉर्म में नहीं हैं और यहां तक कि हैम्पशायर के लिए काउंटी क्रिकेट में खेलते हुए भी उनका आत्मविश्वास नहीं बढ़ पाया.
इन दोनों को चार गेंदबाजों के साथ उतरने की रणनीति पर ही एकादश में शामिल किया जा सकता है. ऐसे में तीन तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और ईशांत शर्मा तथा रविचंद्रन अश्विन या कुलदीप यादव के रूप में एकमात्र स्पिनर को टीम में रखा जाएगा.
अतिरिक्त बल्लेबाज उतारने का मतलब जडेजा को मौका नहीं मिल पाएगा. कप्तान कोहली हमेशा पांच गेंदबाजों को उतारने के पक्षधर रहे हैं, क्योंकि टेस्ट मैच जीतने के लिए 20 विकेट लेने जरूरी होते हैं. अगर पिच तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल हो तो उमेश यादव को भी टीम में लिया जा सकता है.
Source: Aaj Tak News