क्रिकेट के लिए आज के समय में हर किसी की दीवानगी देखने को मिलती है. और जब अपने पसंद की टीम की हो तो उत्साह दोगुना हो जाता है. ऐसे में क्रिकेट के इतिहास का एक दिलचस्प संयोग देहने को मिला है. बता दे आज से 30 साल पहले जिस चयनकर्ता ने 15 वर्षीय सचिन को मुंबई रणजी ट्रॉफी की टीम के लिए चुना था, अब उन्होंने ने आगामी विज्जी ट्रॉफी के लिए मुंबई की टीम में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन का चयन किया है.
जानकरी के लिए बता दे विज्जी ट्रॉफी कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं बल्कि एक अंडर-23 का टूर्नामेंट है, जिसे BCCI करवाती है. इस टूर्नामेंट में अर्जुन मुंबई की टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे. बता दे इस टूर्नामेंट में मुंबई के पूर्व कप्तान और अब मुख्य चयनकर्ता मिलिंद रेगे ने पहले मास्टरब्लास्टर सचिन और अब उन्ही के बेटे अर्जुन का चयन किया है. इस मौके पर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मुझे नहीं पता कि कोई ऐसा चयनकर्ता भी हुआ हो जो पिता और पुत्र दोनों को चुना हो. यह
जानकारी के लिए बताते चले सन 1988 में जूनियर क्रिकेट में कई धमाकेदार पारियां खेलने वाले सचिन के चयन पर मुंबई के मुख्य चयनकर्ता नरेन तम्हाणे के इस फैसले पर काफी बवाल हुआ था. लोगो ने कई सवाल उठाये थे कि अगर 15 साल के इस खिलाड़ी को चुना गया और वो प्रदर्शन नहीं कर पाया तो उसका आत्मविश्वास टूट जाएगा. लेकिन लोगो के सवालों की परवाह न करते हुए चयनकर्ताओं ने साहसिक निर्णय लेते हुए सचिन को गुजरात के खिलाफ मुंबई की टीम में शामिल किया. चयनकर्ताओं में मिलिंद और नरेन के अलावा सुधीर नाइक और रमाकांत देसाई भी शामिल थे. सचिन ने इस मौके को दोनों हाथ से लपका और पहले ही मैच में शतक जड़कर अपनी मंशा जाहिर कर दी थी.
वहां से अंत तक सचिन का क्रिकेट का सफर बेहतरीन रहा है, लेकिन उनके बेटे और बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्जुन के लिए अभी तक का सफर सचिन के मुकाबले उतना बेहतर नहीं रहा. उन्हें श्रीलंका में पिछले साल चार दिवसीय क्रिकेट मैच के लिए भारत ए की टीम के लिए चुना गया था. रेगे का कहना है कि अर्जुन को प्रदर्शन और क्षमता दोनों के आधार पर चुना गया है.
रेगे ने कहा, ‘हम ऐसे लोगों की तलाश कर रहे हैं, जो बेहतर गेंदबाजी कर सकें और मैंने इंग्लैंड में हाल ही में एमसीसी सेकेंड X1 के लिए खेल गए मैचों में अर्जुन के प्रदर्शन को देखा है. इनमें उन्होंने करीब 23 विकेट लिए हैं, वो पहले भी भारत के लिए खेल चुके हैं. अगर राष्ट्रीय चयनकर्ता आशा भरी नजरों से उनकी ओर देख रहे हैं तो उन्हें उनकी क्षमता को भी ध्यान में रखना होगा. देखना होगा कि वह कैसे आगे बढ़ते हैं. हलांकि, मेरे चयनकर्ता रहते हुए किसी को भी कोई फायदा नहीं दिया जाएगा.’
22 अगस्त से शुरू हो रहे विज्जी ट्रॉफी को आगामी सीजन में खेलने वाली मुंबई की रणजी टीम में युवाओं के लिए दावेदारी के अवसर के रूप में देखा जा रहा है.