ढेर सारा एक्शन, प्रभास की प्रेजेंस, ड्रामा, बीच-बीच में रोमांस, विजुअल इफैक्ट्स और फिल्म का भारी-भरकम बजट एक बार फिर लोगों को फिल्म ‘साहो’ देखने के लिए सिनेमाघर तक लाने में कामयाब जरूर होगा.
मुंबई: ‘बाहुबली’ सीरीज से कीर्तिमान स्थापित करने वाले प्रभास की फिल्म ‘साहो’ देशभर में रिलीज हो चुकी है. 80 से 90 दशक के गैंगस्टर और उनके द्वारा की जा रही क्रिमिनल एक्टिविटी के आसपास घूमती हुई फिल्म की पूरी कहानी है एक कुर्सी की लड़ाई, जो फिल्म की शुरुआत से लेकर अंत तक चलती है. ढेर सारा एक्शन, प्रभास की प्रेजेंस, ड्रामा, बीच-बीच में रोमांस, विजुअल इफैक्ट्स और फिल्म का भारी-भरकम बजट एक बार फिर लोगों को फिल्म ‘साहो’ देखने के लिए सिनेमाघर तक लाने में कामयाब जरूर होगा.
पॉजिटिव प्वाइंट्स
1. फिल्म का सबसे बड़ा पॉजिटिव प्वाइंट है प्रभास की उपस्थिति. प्रभास हर फ्रेम में जान डालते हुए नजर आते हैं. उनकी प्रेजेंस उनके फैंस के लिए काफी है. प्रभास ने न सिर्फ फिल्म को अपनी आवाज में डब किया है, बल्कि उनका मॉडर्न लुक काफी इंप्रेसिव नजर आता है. प्रभास की डायलॉग डिलीवरी, उनका पावर पैक एक्शन और बीच-बीच में श्रद्धा के साथ रोमांस फिल्म की जान है. खासतौर पर प्रभास का जैकलिन के साथ गाना फिल्म मे एक रिलीफ मोड लाता है. साथ ही श्रद्धा के साथ एक विजुअल ट्रीट देता हुआ गाना, जिसमें प्रभास-श्रद्धा के कुछ सपनों को पूरा करते हैं जो लोगों को जरूर पसंद आएगा. प्रभास गुड लुकिंग है इसमें दो राय नहीं, लेकिन यह बात बिल्कुल सही है कि फिल्म में प्रभास के कंधों पर ही फिल्म का दारोमदार नजर आता है.
2. दूसरा प्लस प्वाइंट है फिल्म का एक्शन… एक्शन दमदार है. एक्शन सींस लंबे हैं, पर इफेक्टिव है.. जिस तरह का एक्शन फिल्म में किया गया है. फ्लाइंग स्क्वायड. प्रभास का सुपर एक्शन पंचैस, रोलिंग कार्स, स्पीड कार्स, अलग-अलग तरह की बंदूकों का बेहतरीन इस्तेमाल, हेलीकॉप्टर शॉट, शिप के शॉट फिल्म के जबरदस्त एक्शन को अलग ऊंचाइयों पर ले जाते हैं.
3. फिल्म का तीसरा प्वाइंट है फिल्म में काम करने वाले सह कलाकार. खासतौर पर मंदिरा बेदी और मुरली शर्मा अपनी अलग छाप छोड़ कर जाते हैं. फिल्म मे एक विलेन के रूप में उभर कर आती हुई मंदिरा बेदी ने अपने किरदार को पूरी तरह से जस्टिफाई किया है. वहीं हैकर के रूप में, पुलिस ऑफिसर की वर्दी में मुरली शर्मा जो कि चोर बने हुए हैं. अंत तक फिल्म में न सिर्फ नजर आते हैं, बल्कि अपने उम्दा अभिनय से अपने किरदार को जस्टिफाई भी करते हैं.
4. चौथा पॉजिटिव प्वाइंट है फिल्म का भारी-भरकम बजट जो फिल्म में साफ नजर आता है. चाहे वह सेट्स पर हो या फिर एक्शन सीक्वेंस पर लगाया गया हो या फिर जंपिंग कार्स, खूबसूरत लोकेशंस.. जैकलिन के साथ का गाना और खासतौर पर श्रद्धा के साथ शूट किया गया एक रोमांटिक गाना, जिसके हर एक फ्रेम पर काफी पैसा खर्च हुआ है यह नजर आता है
5. म्यूजिक ठीक-ठाक है.
फिल्म की कमियां भी है जो कि फिल्म को एक अच्छी फिल्म बनाने से रोक देती हैं. तो आइए, इसके नेगेटिव प्वाइंट्स पर भी नजर डालते हैं.
1. फिल्म साहो की सबसे बड़ी कमी फिल्म की कहानी में नजर आती है. कहानी काफी प्रेडिक्टेबल है. फिल्म के शुरुआत के आस-पास ही आप कहानी के अंत को समझ जाते हैं
2. दूसरा नेगेटिव प्वाइंट है फिल्म की लंबाई. तकरीबन 3 घंटे की फिल्म.. इसकी एक बड़ी कमजोरी बन जाती है. दर्शकों को लगातार तीन घंटे एंगेज रखना आसान काम नहीं है और जब आप की कहानी, पटकथा कमजोर हो, ऐसे में तो काफी बोरियत भरे क्षण भी बीच-बीच में महसूस होते हैं..
3. तीसरा नेगेटिव प्वाइंट नजर आता है फिल्म के स्क्रीनप्ले में. जो बेहतर हो सकता था.
4. चौथा नेगेटिव प्वाइंट है फिल्म के फर्स्ट हाफ में काफी ड्रेग की हुई लगती है. सेकंड हाफ पोमिसिंग है. एगेजिंग है.
5. सबसे बड़ी नेगेटिव बात है फिल्म आपको कंफ्यूज करके रखती है. किरदार भी कन्फ्यूजिंग है और सस्पेंस को बनाकर रखने के लिए की गई कोशिश सस्पेंस के बजाय दर्शकों को कन्फ्यूजिंग स्टेट में रखती है.
अभिनय
श्रद्धा कपूर फिल्म में अपनी स्पेस में अच्छा काम करती नजर आई हैं. हिंदी डेब्यू के लिए प्रभास को शायद और अच्छी कंटेंट बेस्ड फिल्म करनी चाहिए थी. ऐसा इस फिल्म को देखने के बाद लगता है. कुल मिलाकर फिल्म ‘साहो’ प्रभास के फैंस के लिए है, जो बाहुबली के बाद प्रभास को बड़े पर्दे पर देखने के लिए काफी बेताब थे. फर्स्ट वीकेंड में फिल्म अच्छा खासा बिजनेस करने की उम्मीद है, लेकिन फिल्म की कमियां कहीं न कहीं उसकी सक्सेस में आड़े आ सकती है. लेकिन फिल्म वन टाइम वॉच है यानी कि एक बार जरूर देखे जा सकती हैं.