क्यों करते हैं लोग उपवास और रात्रि जागरण (Fast & Watch Night)?

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हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के साथ-साथ व्रत और उपवास (Fast & Watch Night) का भी बड़ा महत्व है। उपवास का अर्थ यह नहीं कि आप दिनभर कुछ भी न खाए पिए वास्तव में उपवास के समय व्यक्ति  सात्विक भोजन ही ग्रहण करता है जिससे मन  शुद्ध होता है।

जिस प्रकार शराब, भांग, गांजा व अफीम आदि पदार्थों में मादकता (नशा) होता है। उसी प्रकार अन्य में भी मादकता होती है। शायद कुछ लोग इस बात को न जानते हो किंतु यह सत्य है कि अन्न में मादकता होती है। आप भोजन करने के बाद शरीर में शिथिलता और आलस्य महसूस करते हैं जबकि सिर्फ फलाहार या मात्र दूध का सेवन करने से आलस नहीं महसूस होता।

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अन्न  की मादकता कम करने के लिए ही पूर्व काल के मनीषियों ने उपवास (upavaasa. Upa means “near” + vaasa means “to stay”) और व्रत को प्राथमिकता दी। उपवास करने से शरीर की मादकता कम होती है। जिससे शुद्धता आती है और मन धार्मिक कार्य में लगता है।

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Image Courtesy-google

रात्रि जागरण का अर्थ निद्रा और आलस्य को त्यागने से है। प्राचीन काल के ऋषि महर्षियों ने अपनी कठिन तपस्या के पश्चात यह निष्कर्ष निकाला कि निद्रा काल को काल का स्वरूप समझना चाहिए क्योंकि इंसान की आयु सांसों पर निर्धारित है। प्रत्येक इंसान को परमात्मा की ओर से एक निश्चित सांसें ही मिली है और जागृत यानी जागते हुए अवस्था से ज्यादा सांसें सुप्तावस्था (सोए हुए) में नष्ट होती है। जितनी सांसे आप बचाएंगे आपकी आयु उसी हिसाब से बढ़ती चली जाएगी।

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आपने प्रमाण भी देखा होगा कि कुछ ऋषि-मुनि 150 वर्षों तक या उससे ज्यादा जीवित रहे। क्या आपने कभी जानने का प्रयास किया है कि ऐसा क्यों? हम आप क्यों नहीं जीवित रह सकते इसका एकमात्र कारण है –योगासन। इस प्रकार उनकी आयु बढ़ती चली जाती थी। आप भी योगासन करके लंबी आयु प्राप्त कर सकते हैं। वैज्ञानिक और डॉक्टर भी योगासन को महत्व देते हैं। कभी-कभी उपवास भी करने को कहते हैं जिससे शरीर की पाचन प्रक्रिया सही भी बनी रहती है।

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News Desk