अयोध्‍या केस: फ़ैसला लिखने में व्यस्तता के चलते CJI रंजन गोगोई ने विदेश दौरा किया रद

Ayodhya case: CJI Ranjan Gogoi canceled tour due to busy writing decision

रंजन गोगोई को दक्षिण अमेरिकी देशों, मध्‍य पूर्व और कुछ अन्‍य देशों यूएई, मिस्र, ब्राजील और अमेरिका की यात्रा करनी थी.

नई दिल्‍ली: अयोध्‍या केस (Ayodhya Case) की सुनवाई पूरी हो गई है. छह अगस्‍त से जारी नियमित सुनवाई 40 दिन चलने के बाद 16 अक्‍टूबर को समाप्‍त हो गई. इसके बाद 8-17 नवंबर के बीच फैसला आने की संभावना जताई जा रही है. अयोध्‍या मामले का फ़ैसला लिखने में व्यस्तता के चलते सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपना प्रस्तावित विदेश दौरा रद्द कर दिया है. रंजन गोगोई को दक्षिण अमेरिकी देशों, मध्‍य पूर्व और कुछ अन्‍य देशों यूएई, मिस्र, ब्राजील और अमेरिका की यात्रा करनी थी. उनको 18 अक्‍टूबर को दुबई जाना था. उसके बाद वहां से काहिरा, ब्राजील और न्‍यूयॉर्क में कई कार्यक्रमों में शिरकत करनी थी. उनको 31 अक्‍टूबर को स्‍वदेश वापस लौटना था. सरकार की तरफ से इस दौरे को स्‍वीकृति भी मिल चुकी थी. लेकिन अयोध्‍या केस की व्‍यस्‍तता के कारण चीफ जस्टिस ने अपने विदेशी दौरे को रद कर दिया है.

इस बीच सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के मुताबिक अयोध्‍या केस (Ayodhya Case) की सुनवाई होने के बाद आज संविधान पीठ के सदस्य (पांचों जज) चैंबर में बैठेंगे. पांचों जज आज अपने-अपने कोर्ट रूम में सुनवाई नहीं करेंगे. पांचों जज अयोध्या केस के फैसले के लिखे जाने को लेकर आपस में विमर्श करेंगे.

40 दिन तक चली नियमित सुनवाई
इससे पहले बुधवार को अयोध्‍या केस (Ayodhya Case) में छह अगस्‍त से चल रही नियमित सुनवाई सभी पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद पूरी हो गई. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कहा जा रहा है कि 17 नवंबर से पहले फैसला आ सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि 17 नवंबर को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रिटायर होने वाले हैं. वह इस केस की सुनवाई के लिए गठित संविधान पीठ के मुखिया हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में अयोध्‍या केस (Ayodhya Case) की 40वें दिन की सुनवाई में रामलला विराजमान के सीएस वैद्यनाथन ने अपनी जिरह में कहा कि पैग़ंबर मोहम्मद ने कहा था कि किसी को मस्ज़िद उसी ज़मीन पर बनानी चाहिए जिसका वह मालिक है. सुन्नी वक्फ बोर्ड जगह पर मालिकाना हक साबित करने में नाकाम रहा और सिर्फ नमाज़ पढ़ने को आधार बना कर ज़मीन दिए जाने की मांग कर रहा है.

अयोध्या मामले में पहले याचिकाकर्ता रहे स्वर्गीय गोपाल सिंह विशारद की तरफ से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि इमारत में मूर्ति रखने का केस अभिराम दास पर दर्ज हुआ. वही वहां पुजारी थे. वह निर्वाणी अखाड़ा के थे. सेवादार होने का निर्मोही अखाड़ा का दावा गलत है.

इससे पहले जब आज सुनवाई शुरू हुई तो चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने स्‍पष्‍ट किया कि किसी नए दस्‍तावेज पर विचार नहीं किया जाएगा. दरअसल हिंदू महासभा की हस्‍तक्षेप संबंधी एप्‍लीकेशन को खारिज करते हुए मुख्‍य न्‍यायाधीश ने कहा कि हर हाल में आज शाम 5 बजे तक इस मामले में सुनवाई खत्‍म हो जाएगी. बस बहुत हुआ…चीफ जस्टिस ने बीजेपी नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी को बहस करने की इजाज़त देने से मना किया. कहा कि उनकी याचिका मामले में शामिल नहीं है, वह केवल सुनवाई को सुन सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि हमने ये कल ही कह दिया था कि किसी और को नही सुनेंगे.

मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने फाड़ा नक्‍शा
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने बेहद आपत्तिजनक व्यवहार दिखाया और हिंदू पक्ष के वकील विकास सिंह द्वारा कोर्ट के सामने पेश किए गए नक़्शे की कापियां फाड़ दीं. दरअसल हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने विवादित जगह पर मन्दिर की मौजूदगी साबित करने के लिए पूर्व IPS किशोर कुणाल की एक किताब “Ayodhya Revisited’ का हवाला देना चाहा.

राजीव धवन ने इसे रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं बताकर विरोध किया. विकास सिंह ने इसके बाद एक नक्शा रखा और उसकी कॉपी राजीव धवन को दी. धवन ने इसका भी विरोध करते हुए अपने पास मौजूद नक्शे की कॉपी फाड़ना शुरू कर दी. चीफ जस्टिस ने धवन के इस तरीके पर नाराजगी के अंदाज़ में कहा- आप चाहे तो पूरे पेज फाड़ सकते हैं. चीफ जस्टिस ने इस तौर-तरीके पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर इसी तरह का माहौल जारी रहा तो वह अभी सुनवाई पूरी कर देंगे और फिर जिस भी पक्ष को जो दलील देनी होगी वह लिखित में लेंगे.

राम जन्मभूमि पुनरूद्धार समिति
हिंदू महासभा की तरफ़ से वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि वह लिखित जवाब दाखिल करेंगे. राम जन्मभूमि पुनरूद्धार समिति की तरफ से पीएन मिश्रा ने बहस शुरू की. पीएन मिश्रा ने कहा कि अयोध्या, काशी में मन्दिर गिराने के बाद मस्जिद बना कर मुसलमानों ने वहां पर नमाज पढ़ना शुरू कर दिया. पी एन मिश्रा ने कहा कि महंत ने वहां पर कार्यक्रमों का आयोजन करना शुरू किया जिसका विरोध किया गया. वहां पर हमसे किराया लेने के लिए मुस्लिमों ने याचिका दाखिल की गई जो खारिज कर दी गई गई. वहां पर चूने की पुताई के लिए कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की गई.

पीएन मिश्रा ने कहा कि कुरान सबसे बड़ी किताब है और कोर्ट ने तीन तलाक़ के मामले मे भी माना था कि कुरान मुस्लिम के लिए सर्वोच्च कानून है. मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हदीस, कुरान से ऊपर नहीं है. लेकिन कुरान और हदीस में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता है. राजीव धवन ने कहा कि सार्वजनिक मस्जिद किसी की भी हो सकती है, सभी उसके हकदार हैं और हिस्सेदार हैं. धवन ने नक़्शा दिखाते हुए कहा वह मस्जिद को किसी हिस्से में नही बांट सकते हैं.

Source: Zee News

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News Desk