पटना :19 वर्ष की लड़की जिसे पिछले 6 दिनों से तेज बुखार था, AIIMS पटना में मौत का शिकार हो गई। लाइन में खड़े होने के कारण उसे समय पर इलाज नहीं मिल पाया और अस्पताल के प्रशासन ने उन्हें वैन भी मुहैया नहीं कराई जिसके कारण उसके पिता को उसका मृत शरीर अपने कंधो पर उठा कर ले जाना पड़ा।
मंगलवार को जब रामबालक अपनी बेटी को अस्पताल में गंभीर अवस्था में लेकर आया। तब अस्पताल प्रशासन ने उसे तुरंत मदद करने के बजाय कथित तौर पर लाइन में खड़े होकर ओपीडी रजिस्ट्रेशन कार्ड बनवाने को कहा और कहा कि रजिस्ट्रेशन कार्ड के बिना इलाज संभव नहीं है। वे और उनकी पत्नी 140 किलोमीटर दूर कजरा गांव से अपने बेटी का इलाज कराने आए थे जब तक रामबालक ने अन्य लोगों से जानकारी लेकर ओपीडी रजिस्ट्रेशन कार्ड बनवाया तब तक कि उनकी बेटी की मौत हो चुकी थी। यहां तक कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें एंबुलेंस भी नहीं मुहैया कराई ताकि वे अपनी बेटी के मृत शरीर को घर ले जा सके। राम बालक को अपनी बेटी का मृत शरीर अस्पताल से 4 किलोमीटर तक अपने कंधे पर ही उठाकर ले जाना पड़ा ताकि वह ऑटो रिक्शा कर सकें।
एम्स के डायरेक्टर डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि उनके अस्पताल में कोई मरीज की इलाज की कमी के कारण मौत हो गई है।