नया मोटर व्हीकल एक्ट 2019 (Motor Vehicle Act 2019) लागू होने के बाद आज यानी 1 अक्टूबर से ड्राइविंग लाइसेंस (DL) बनवाने का नियम और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) भी बदल गया है.
नई दिल्ली : नया मोटर व्हीकल एक्ट 2019 (Motor Vehicle Act 2019) लागू होने के बाद आज यानी 1 अक्टूबर से ड्राइविंग लाइसेंस (DL) बनवाने का नियम और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) भी बदल गया है. आपको बता दें 1 अक्टूबर से डीएल और आरसी दोनों के फार्मेट में बदलाव किया गया है. इस बदलाव के बाद देशभर में सभी के डीएल और गाड़ी की आरसी का फार्मेट एक जैसा होगा. यानी अब से डीएल और आरसी का रंग, लुक, डिजाइन और सिक्योरिटी फीचर्स एक समान होंगे.
नए डीएल में ये फीचर्स जुड़ेंगे
आज से लागू होने वाले नए नियम के तहत स्मार्ट डीएल और आरसी में माइक्रोचिप और क्यूआर कोड होगा. इसका फायदा यह होगा कि हर राज्य में डीएल, आरसी का रंग और प्रिंटिंग एक जैसी होगी. साथ ही सभी डीएल और आरसी में जानकारियां एक ही जगह पर होंगी. अभी तक हर राज्य के हिसाब से डीएल और आरसी का फार्मेट अलग-अलग होता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. क्यूआर कोड और चिप में पिछला सभी रिकॉर्ड होगा.
क्यूआर कोड में होगी पूरी कुंडली
माइक्रोचिप और क्यूआर कोड की सहायता से केंद्रीय डाटा बेस से ड्राइवर या वाहन के बारे में पूरा रिकॉर्ड निकाला जा सकेगा. क्यूआर कोड को रीड करने के लिए यातायात पुलिस को हैंडी ट्रैकिंग डिवाइस भी दिए जाने का प्लान है. हर चालक के डीएल के पीछे इमरजेंसी नंबर भी लिखा रहेगा. किसी भी आपात स्थिति में पुलिस या अन्य कोई व्यक्ति इस नंबर पर संपर्क कर सकेगा. परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है इस बदलाव के बाद यातायात की जिम्मेदारी संभालने वाले पुलिसकर्मियों को सुविधा होगी.
अब तक था यह चलन
डीएल और आरसी को लेकर फिलहाल हर राज्य अपने अनुसार फॉर्मेट तैयार करते रहे हैं, लेकिन इसमें परेशानी यह है कि किसी राज्य में डीएल पर जानकारी शुरू में है तो किसी में संबंधित जानकारी पीछे की तरफ प्रिंट की गई हैं. लेकिन सरकार के नए फैसले के बाद डीएल और आरसी पर जानकारियां एक जैसी एक ही जगह पर होंगी.