ऐसा बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के दौरे के लिए कुछ अलग से व्यवस्था नहीं है, इनकी अपनी एसपीजी सिक्योरिटी है
नई दिल्लीः आईएनएक्स मीडिया केस में जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम से मिलने के लिए आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह तिहाड़ जेल पहुंचे. तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं की चिदंबरम से यह मुलाकात का समय सुबह 9 से 10 बजे के बीच तय था. करीब 30 मिनट तक दोनों ने तिहाड़ जेल में पी चिदंबरम से मुलाकात की.
आधे घंटे बाद पी चिदंबरम से मुलाकात करके पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी निकल गए.
ऐसा बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के दौरे के लिए कुछ अलग से व्यवस्था नहीं है, इनकी अपनी एसपीजी सिक्योरिटी है और जेल में ही मुलाकात करेंगे. कोई अलग से स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं होगा.
पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर दिल्ली HC में सुनवाई कल; CBI ने जमानत का किया है विरोध
INX मीडिया हेराफेरी से जुड़े सीबीआई केस में पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में आज (23 सितंबर) सुनवाई होनी है.पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने चिदंबरम की जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.इसके बाद सीबीआई ने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था.सीबीआई ने चिदंबरम की जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि अगर चिदंबरम को जमानत मिलती है तो भ्रष्टाचार के मामलों में गलत संदेश जाएगा और ये जनता के विश्वास के साथ धोखा करने का स्पष्ट मामला है.
इससे पहले कोर्ट ने चिदंबरम द्वारा दायर किए अर्जी को भी स्वीकार कर लिया था. इनमें जेड-श्रेणी की सुरक्षा के साथ एक खाट, बाथरूम के साथ एक अलग सेल और दवाओं की अनुमति मांगी गई थी. उन्होंने जेल में पश्चिमी शैली के शौचालय (इंग्लिश टॉयलेट) की भी मांग की थी. उधर, ईडी केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था.कोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
सुप्रीम कोर्ट में ईडी की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि अगर चिदंबरम को अग्रिम जमानत सुप्रीम कोर्ट देता है तो उसके विनाशकारी परिणाम होंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि इसका सीधा असर विजय माल्या, मेहुल चौकसी, नीरव मोदी, शारदा चिटफंड, टेरर फंडिंग जैसे मामले पर पड़ेगा.तुषार मेहता ने सबूत दिखाकर बिना गिरफ्तारी पूछताछ की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि जांच कैसे हो, एजेंसी ज़िम्मेदारी से इसका फैसला लेती है. जो आरोपी आज़ाद घूम रहा है, उसे सबूत दिखाने का मतलब है बचे हुए सबूत मिटाने का न्योता देना.