बीती रात नगर के बड़ागांव गेट बाहर भी ऐसा ही एक चमत्कार हुआ। वहां एक निर्माणाधीन मकान से शिवलिंग प्रकट हुआ, जिसे देखने मोहल्ले के हजारों लोग एकत्र हो गए। देर रात शिवलिंग को चन्द्र ग्रहण के चलते ढक दिया गया था। बुधवार की सुबह जब लोग दर्शन करने पहुंचे तो शिवलिंग गायब था। लोग वहां पहुंचकर प्राकट्य स्थल का ठिकाना पूछ रहे हैं।
कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित बड़ागांव बाहर श्यमशान घाट के पीछे संतोष रायकवार के प्लॉट पर निर्माण कार्य चल रहा है। संतोष के अनुसार उसके मकान का फर्स अभी कच्चा है। उसे पक्का करने की तैयारी चल रही है। बीती रात करीब 9 बजे अचानक उसके कच्चे फर्स पर एक शिवलिंग प्रकट हो गया। शिवलिंग पर ‘मैं ही महाकाल हूं,’ लिखा है। बुधवार से श्रावण मास शुरु हो रहा था। शिवलिंग के प्राकट्य की खबर थोड़ी ही देर में नगर में जगंल की आग की तरह फैल गई। मोहल्ले और उसके बाहर से हजारों लोग रात में ही वहां शिवलिंग के दर्शन करने पहुंच गए। लोगों ने खूब दर्शन किए।
बीती रात इस वर्ष का अन्तिम चन्द्र ग्रहण था। इसको देखते हुए लोगों ने यह तय किया कि शिवलिंग को ढक दिया गया। चादर से शिवलिंग ढकने के बाद सभी सो गए। सुबह जब सभी ने जागकर पूजा अर्चना करने के लिए शिवलिंग पर से चादर हटाया तो शिवलिंग गायब था। सुबह से ही संतोष के घर पर भगवान भूतनाथ की एक झलक पाने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है, लेकिन उस स्थान पर अब शिवलिंग नहीं है।
40 साल पहले वहां था शिवालय
संतोष के अनुसार एक वर्ष पूर्व अपने पिता रामकिशन के आर्थिक सहयोग से उसने वह प्लॉट खरीदा है। अब उसका निर्माण करा रहा है। उसने बताया कि इस घटना के बाद वहां पर लोगों ने तरह तरह की चर्चाएं शुरु कर दी हैं। उसने बताया कि मोहल्ले के बुजुर्ग नारायण कुशवाहा के अनुसार यहां करीब 40 वर्ष पूर्व शिव मंदिर था। बाद में उसे जमींदोज कर दिया गया। और आज उसी मंदिर की जमीन पर उसका प्लॉट बताया जा रहा है। हालांकि हकीकत क्या है यह कोई नहीं जानता।