प्रतिस्पर्धा के इस दौर में कई लोगों की यह शिकायत रहती है कि पूरे प्रयास के बावजूद भी उन्हें सफलता (Success) नहीं मिलती। ऐसी स्थिति में समय या कड़ी प्रतिस्पर्धा को दोष देने से कोई लाभ नहीं है क्योंकि आप उसे रोक नहीं सकते। ध्यान देने योग्य बात यह है कि प्रतिस्पर्धा का स्तर चाहे जितना ही ऊंचा क्यों न हो उसमें भी कुछ लोग उस क्षेत्र में ऊंचा मुकाम हासिल कर ही लेते हैं और इसी मुकाम को हासिल करने में कुछ लोग विफल हो जाते हैं। आखिर वे ऐसा क्या करते हैं? अगर कोई और सफल हो सकता है तो आप क्यों नहीं?
Big journeys begin with the small steps.
एकाग्रता टूटने से अभ्यास की निरंतरता (continuance) टूट जाती है और यही विफलता की वजह बन जाती है। यदि काफी प्रयास के बावजूद भी आपको सफलता न मिले तो अपनी कोशिश पर पुनर्विचार करें और यह देखें कि आपके प्रयास में कमी कहां रह गई। आज के दौर में हम सब कुछ बहुत जल्दी पाल लेना चाहते हैं। धैर्य से काम करने के बजाय शॉर्टकट की तलाश करने लगते हैं जबकि यह बात तो सभी जानते ही हैं कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए तीन चीजों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए। पहली यह कि सभी प्रकार के पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर अपने लिए अपना लक्ष्य स्वयं तय करें। फिर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक योजना बनाएं और उसका नियमित रूप से अनुपालन करें। तीसरी और अंतिम महत्वपूर्ण बात यह है कि अनुपालन का यह क्रम कभी टूटने न दें।
“Obstacles are designed to make you stronger, only the weak avoid them.”
1# लक्ष्य को रखिए स्पष्ट
यदि अभ्यास में निरंतरता की कमी आ जाए तो सफलता नहीं मिलती| लगातार एक ही रूटीन से काम करने में हमें बोरियत महसूस होने लगती है इसलिए बीच-बीच में थोड़ा बदलाव जरूरी होता है लेकिन बदलाव का मतलब यह नहीं कि हम अपना लक्ष्य भूल जाएं और अपनी निरंतरता को रोक दें। हमें अपने लक्ष्य को स्पष्ट रखना चाहिए।
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2# लक्ष्य के प्रति समर्पण
एक बार लक्ष्य निश्चित कर लेने के बाद उसके प्रति समर्पण भी बेहद आवश्यक है। यही वह तत्व है जो भटकाव से बचाता है और आपकी निरंतरता बनाए रखता है। जब आप अपने काम या अध्ययन से कुछ समय के लिए अवकाश पर होते हैं तो भी आप उससे दूर नहीं होते। आप जहां कहीं भी जाते हैं वहां उससे जुड़े रहते हैं साथ ही इससे जुड़े अवसर आपको मिलते रहते हैं। इससे अभ्यास नहीं छूटता और न ही कुछ भूलता है।
3# अपने लक्ष्य पर भरोसा
Image Courtesy-google
अपना लक्ष्य सुनिश्चित करने का सही तरीका क्या है? इसके लिए सबसे जरूरी यह है कि सबसे पहले स्वयं पर विश्वास करें। अपनी रुचियों और क्षमताओं पर विश्वास करें। न तो इस प्रभाव में आए कि आपको किस क्षेत्र में क्या ऐशो-आराम और पैसा रुतबा मिलेगा और न इस दबाव में कि लोग क्या सोचेंगे। यह देखें कि आपकी रुचि किस क्षेत्र में है और उसके लिए आवश्यक सभी क्षमताएं आप में हैं या नहीं। अगर है तो उनका विकास करें। और कुछ कम है तो उसमें सुधार लाने की कोशिश करें। लक्ष्य वही निर्धारित करें जिसमें आपकी रुचि हो।
4# न टूटने दे क्रम
आप जिस किसी क्षेत्र में भी सफलता हासिल करना चाहते हो उस क्षेत्र में हमेशा नई चीजें जानने व सीखने की कोशिश करें और उनका अभ्यास भी करते रहें। इससे आपको बोरियत नहीं लगेगी और निरंतरता भी बनी रहेगी। सीखने और जानने के लिए अलग-अलग तरीकों का प्रयोग करें। जैसे- किताबें, जर्नल्स, इंटरनेट के अलावा समसामयिक दस्तावेजों के ऑडियो वीडियो का भी प्रयोग करें। इसके साथ ही व्यवहारिक जानकारी भी जरूर हासिल करें और इसी क्षेत्र में सिर्फ सीखे ही नहीं बल्कि और लोगों को सिखाएं भी। नए साथियों से संवाद करने से पहले जानी और सीखी हुई चीज़ों का रिवीजन तो होता ही है कई बार आपको नई बातें भी जानने को मिल जाती हैं।