माइग्रेन (Migraine) एक प्रकार का अटैक है जो शरीर में हार्मोन लेवल के बढ़ने या घटने से होता है। इसके साथ ही कई अन्य अनजाने कारण भी हैं जो माइग्रेन को जन्म देते हैं। जरूरत यह है कि हम इन कारणों को जाने और इस भयंकर बीमारी से बचने का प्रयत्न करें। सामान्य रूप से सिर दर्द की समस्या तो सभी में पाई जाती है किंतु यही सिर दर्द (Headache) की समस्या जब माइग्रेन का रुप ले लेती है तो व्यक्ति असहजता महसूस करने लगता है। उम्मीद है कि इस लेख से आप माइग्रेन के कारणों (Causes of Migraine) को जानकर इससे बचने का प्रयास अवश्य करेंगे।
1# हार्मोन में बदलाव
जब शरीर में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन के स्तर में गिरावट आती है तब यह माइग्रेन अटैक का कारण बनता है। अधिकांशतः यह गिरावट महिलाओं में मासिक धर्म से पहले आती है उस वक्त महिलाओं में सिर दर्द की समस्या उत्पन्न होती है और कभी-कभी यह समस्या माइग्रेन अटैक का भी रुप ले लेती है। इसके अतिरिक्त महिलाओं द्वारा ली जाने वाली गर्भनिरोधक गोलियों से भी माइग्रेन जैसी समस्या उत्पन्न होती है।
2# भोजन के बीच लंबा अंतराल
भोजन के बीच काफी अन्तराल रखने से भी माइग्रेन जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। हमें दिन में कम से कम तीन बार भोजन अवश्य ग्रहण करना चाहिए। सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना, शाम के नाश्ते के बाद रात्रि का भोजन इसमें सम्मिलित होता है। यदि कोई लंबे समय तक भूखा रहता है तो उस व्यक्ति के रक्त में शुगर लेवल कम हो जाता है और इससे माइग्रेन अटैक हो सकता है। अतः हमें इससे बचने के लिए नियमित रूप से और पर्याप्त भोजन लेना चाहिए।
3# पानी की कमी
अधिक पानी पीने वाले माइग्रेन की समस्या से दूर रहते हैं। पानी की कमी से दिमाग में रक्त संचरण सही से नहीं होता है और जिससे दिमाग में इलेक्ट्रोलाइट्स की भी कमी हो जाती है। पानी की कमी से हमारा तंत्रिका तंत्र भी सही तरीके से काम नहीं करता। अतः पर्याप्त मात्रा में पानी पीना माइग्रेन से दूर रखता है।
4# नुकसानदायक खाद्य पदार्थ का सेवन
शराब, सिगरेट और यहां तक की चॉकलेट का सेवन भी माइग्रेन अटैक को निमंत्रण देता है। शराब और चॉकलेट इन दोनों में ही नाइट्रेट उपस्थित होता है जिन व्यक्तियों को माइग्रेन होता है वह व्यक्ति इस नाइट्रेट को नाइट्राइट में बदल देते हैं जिसके पश्चात नाइट्राइट नाइट्रिक ऑक्साइड में बदल जाता है जो माइग्रेन को विकसित करने में मदद करता है।
5# बहुत अधिक या बहुत कम नींद लेना
अमेरिकन टेक्स्ट सोसायटी के अनुसार नींद में रुकावट होने से माइग्रेन या क्रोनिक पेन बढ़ जाता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम 8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए।
6# असीमित भावनाएं
क्रोध,लालच, तनाव ये सभी भावनाएं माइग्रेन अटैक का कारण बन सकते हैं। अत्यधिक आरामदायक जीवन शैली, शारीरिक काम न करना या एक ही स्थान पर बैठे रहना माइग्रेन अटैक को निमंत्रण देता है। यदि आप कार्य के दौरान एक जगह पर बैठे रहते हैं तो दिनभर में किसी भी वक्त कम से कम 30 मिनट का समय निकालकर जोगिंग, स्विमिंग, साइकिलिंग आदि भी कर सकते हैं। जिससे माइग्रेन अटैक से बचाव होता है।
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7# सिर और गर्दन का दर्द
Image Courtesy-google
लंबे समय तक चेयर पर बैठकर झुक कर काम करने से सिर व गर्दन में दर्द हो जाता है। इससे गर्दन की मांसपेशियों में तनाव उत्पन्न होता है और यह तनाव कंधे तक पहुंच जाता है। इस प्रकार का दर्द भी माइग्रेन को जन्म देता है। दिनभर प्रदूषण के बीच में रहना भारी ट्रैफिक झेलना यह सब कारण भी माइग्रेन को जन्म देते हैं।
8# मौसम में बदलाव
अत्यधिक गर्मी या अधिक सर्दी यह दोनों ही हमारे शरीर के लिए उचित नहीं होते। न्यूरोलॉजी नामक एक जर्नल के अनुसार 50% माइग्रेन मौसम में बदलाव के कारण होता है अर्थात मौसम में बदलाव माइग्रेन का एक मुख्य कारण है।