बच्चों को पसंदीदा भोजन देना प्यार की निशानी है। इस बात को लेकर हमेशा सतर्क रहना चाहिए कि बाल्यावस्था में दिए हुए भोजन का प्रभाव भविष्य में अवश्य पड़ता है। बाल्यावस्था एक ऐसी अवस्था है जिसमें दिया गया संतुलित आहार (healthy food for kids) उनके विकास में मुख्य भूमिका निभाता है। अतः यह बहुत आवश्यक है कि सभी माताएं अपने बच्चों को दिए जाने वाले भोजन के बारे में समुचित ज्ञान रखें और कुछ बातों का तो अवश्य ही ध्यान रखें।
1. बढ़ेगी बच्चों की ग्रोथ
बच्चों की अच्छी ग्रोथ के लिए अच्छे भोज्य पदार्थों को लेना भी आवश्यक है। पनीर, छाछ, दूध, दही, मट्ठा, सभी पदार्थ बच्चों की ग्रोथ के लिए आवश्यक होते हैं। विभिन्न प्रकार की दालें बच्चों की ग्रोथ में अहम भूमिका निभाती हैं। यदि आप मांसाहारी हैं तो आप बच्चों को अंडा, मीट, फ़िश आदि भी खिला सकते हैं।
2. बढ़ाएं बच्चों की लंबाई
आजकल के मिलावटी खाद्य पदार्थों के कारण बच्चों की लंबाई में गिरावट देखी जा रही है। लड़की हो या फिर लड़कियां सभी को अपनी लंबाई को लेकर काफी चिंता रहती है। इसके लिए जरूरी है कि उन्हें ऐसे खाद्य पदार्थ दिए जाने चाहिए जिससे उनकी लंबाई में वृद्धि हो और उन्हें भी इनके बारे में समझना जरूरी होगा। दूध, दही, मट्ठा, पनीर, छेना और मखाना जैसे पोषक पदार्थ भोजन में सम्मिलित करने से बच्चों की लंबाई बढ़ती है।
3. बढ़ेगी बच्चों में ताकत
बच्चों को उनकी भाषा में यह समझाना आवश्यक है कि हरी सब्जियां और फल खाने से ताकत और ऊर्जा मिलती है। यदि बच्चे कार्टून देखते हैं तो उन्हें उनके पसंदीदा कैरेक्टर की ताकत के बारे में बताएं और उन्हें फलों और सब्जियों को खाने की सलाह दें। तेल, घी, मक्खन, शक्कर, केला, अनाज, गेहूं, चावल जैसी चीजें खाने से ताकत आती है।
4. बढ़ेगी रोग प्रतिरोधक क्षमता
सेहतमंद खाद्य पदार्थों से बच्चों में रोग नहीं लगते और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। बार बार बीमार पड़ने से होने वाले नुकसान और बाहर जाकर न खेल पाने के कारण बता कर आप उन्हें फलों और सब्जियों के फायदे के बारे में बताएं। संतरा, मौसमी, केला, सेब, अंगूर, जामुन, आंवला, रस भरी, अंगूर जैसे फल के अलावा टमाटर, प्याज, लहसुन, अदरक, हल्दी और हरी सब्जियां हमें बीमारी से बचाते हैं। उन्हें नियमित रूप से फल और सब्जियों के सेवन के लाभों के बारे में अवश्य बताएं।
5. यह खाद्य पदार्थ भी हैं आवश्यक
बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए और उनके शरीर में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए उन्हें अधिक पानी पीने के लिए प्रेरित करना चाहिए। साथ ही जूस, दही, मट्ठा, रेशेदार फल सभी सीजनल और हरी सब्जियां खाने से शरीर की अंदरूनी सफाई होती है। इस बारे में भी उन्हें बताना चाहिए और ऐसा करने से बच्चे बीमार नहीं रहते है।
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6. ऐसे पदार्थों से रहें दूर
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बच्चों को ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में जागरुक करना आवश्यक है जो प्रिजर्वेटिव और केमिकल युक्त होते हैं। जंक फूड और फास्ट फूड (Junk & fast food) के खाने से होने वाले नुकसानों के बारे में बच्चों को अवगत कराना चाहिए और इनसे पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों को अवश्य बातचीत में शामिल करना चाहिए। ऐसे भोजन खाने में पेट व नर्वस सिस्टम संबंधी बीमारियों के साथ मोटापा भी बढ़ाते हैं। मोटापा 100 बीमारियों को निमंत्रण देता है। वही जरुरत से ज्यादा तैलीय पदार्थ, घी, मक्खन, मैदा से बने पदार्थ सेहत के नुकसानदायक होते हैं। हमें ऐसे पदार्थों से बच्चों को दूर रखना चाहिए।