संयुक्त राष्ट्र महासभा में शनिवार को इमरान खान ने लंबा भाषण दिया. इमरान के लिए यह एक बड़ा मौका था जिसे उन्होंने गंवा दिया.
न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में दी गई पाकिस्तान (Pakistan) के पीएम इमरान खान (Imran Khan) की स्पीच एक ‘फ्लॉप शो’ साबित हुई है. दुनिया के इस सबसे बड़े मंच का प्रयोग उन्होंने भारत (India) के खिलाफ अपने पुराने एजेंडे को चलाने के लिए किया. उन्होंने वही सब बातें की जो वह कई बार कर चुके हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में शनिवार को इमरान खान ने लंबा भाषण दिया. उनके सामने यह एक बड़ा मौका था लेकिन उन्होंने अपने देश और इसकी समस्या को नजरअंदाज करते हुए, सारा ध्यान पूरी तरह से कश्मीर पर लगा दिया. उन्होंने युद्ध की भी धमकी दे डाली. खान का युद्ध राग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के उसी मंच से कुछ समय पहले दिए गए शांति संदेश के ठीक उलट था. पीएम मोदी ने कहा था कि भारत एक देश देश है जिसने विश्व को ‘युद्ध नहीं बुद्ध’ दिए.
एक नजर डालते हैं उन पांच कारणों पर जिनकी वजह से इमरान खान की स्पीच पूरी तरह से नाकाम साबित हुई.
1-इमरान खान ने अपने भाषण में हिंसा को भड़काने वाली बातें कहीं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भारत के जम्मू और कश्मीर में जब कर्फ्यू हटेगा, तब वहां खूनखराबा होगा. तब क्या होगा. क्या किसी ने इस बारे में सोचा है.
2-अपने लंबे भाषण के दौरान खान ने चेतावनी दी कि यदि परमाणु शक्ति संपन्न दोनों पड़ोसियों के बीच टकराव हो गया तो उसके नतीजे उनकी सीमाओं से परे जाएंगे.
3-उन्होंने पांच अगस्त को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का संदर्भ दिया. इमरान खान ने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘तब एक और पुलवामा होगा और तब भारत पाकिस्तान पर आरोप लगाएगा.’
4-इमरान लगातार भारत पर हमले कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘आरएसएस मुस्लिमों के जातीय सफाये पर विश्वास करता है और प्रधानमंत्री मोदी आरएसएस के नेता हैं.’
5-इमरान यहीं नहीं रुक उन्होंने पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमले भी किए. पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘नस्लीय श्रेष्ठता की भावना और घमंड की वजह से आदमी गलतियां करता है और गलत निर्णय लेता है.’